भोपाल। मध्य प्रदेश में बीते एक साल में 6410.41 मिलियन यूनिट बिजली खरीदी गई। इसमें से सरकार ने राज्य की तीन बिजली कंपनियों को भी वितरित की। इनमें तीन विधुत वितरण कंपनी, एमपीएकेवीएनएल और रेलवे को 5940.49 मिलियन यूनिट सप्लाई किया गया। शेष बिजली प्रदेश के बाहर पावर एक्सचेंज के जरिए बेच दी गई। लेकिन सरकार को यह नहीं मालूम कि प्रदेश के बाहर किन संस्थाओं ने सरकार से बिजली खरीदी है।
विधायक शरदेन्दु तिवारी ने ऊर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह से यह जानकारी मांगी थी। ऊर्जा मंत्री ने लिखित जवाब में बताया कि प्रदेश में विभिन्न योजनाओं के तहत एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी के पास 20625.59 मेगावाट अनुबंधित क्षमता की बिजली उपलब्ध है। जबकि, अप्रैल के महीने में सरकार ने 6410.41 मिलियन यूनिट बिजली खरीदी है।
पांच साल से चल रहा बिजली लेनदेन का खेल
ऊर्जा मंत्री ने विधानसभा में जानकारी देते हुए बताया कि बीते पांच साल से सरकार बिजली की खरीद फरोख्त कर रही है। साल 14-15 में 57975.51 मिलियन यूनिट बिजली सरकार ने खरीदी। और इसमें से ही 1190.48 मिलियन यूनिट बिजली सरकार ने बेच दी। 15-16 में 64395.61 मिलियन यूनिट बिजली खरीदी गई और इसमें से भी 1268.56 यूनिट बिजली बेची गई। इसी तरह 2019 तक यह खरीद फरोख्त चल रही है। यही नहीं कांग्रेस सरकार आने के बाद बिजली कटौती का मुद्दा लगातार छाया हुआ है। विधानसभा में ऊर्जा मंत्री ने बताया कि तीनों वितरण कंपनियों में किसी भी जिले में घोषित या अघोषित बिजली कटौती नहीं की जा रही है।