सरकार को शराब दुकानों से मिला 8522 करोड़ का राजस्व, 17.2 फीसदी अधिक मुनाफा

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भोपाल। कमलनाथ सरकार के एक साल पूरे होने सभी मंत्री अपने अपने विभागों का रिपोर्टकार्ड जनता के सामने पेश कर रहे हैं| इसी क्रम में रविवार को प्रदेश के वाणिज्यकर मंत्री बृजेंद्र सिंह राठौर ने  प्रेस कान्फ्रेंस में अपने विभाग का ब्यौरा दिया। उन्होंने बताया कि प्रदेश में वर्ष 2019-20 में शराब दुकानों से 8522 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ है जो 2018.19 की तुलना में 17.2 प्रतिशत अधिक है। 2018-19 में 7279 करोड़ों रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ था। 

मंत्री सिंह के अनुसार लगभग 64 शॉप के लाइसेंस जारी किए गए हैं, जिससे 7 करोड़ का अतिरिक्त राजस्व मिला। शराब पर लगने वाले वेट टैक्स को 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 10 प्रतिशत किया गया जिससे सरकार को 2019-20 में ढाई सौ करोड़ रुपए का अतिरिक्त राजस्व मिलेगा। उन्होंने बताया कि वन क्षेत्रों और कम आबादी के पर्यटन क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए रिसोर्ट बार लाइसेंस की फीस कम की गई, इससे बांधवगढ़, कान्हा और और अन्य क्षेत्रों में बार खोलने के 13 नए प्रस्ताव आबकारी विभाग को अभी तक प्राप्त हो चुके हैं।

मंत्री बृजेंद्र सिंह राठौर ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि मध्य प्रदेश के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। केंद्र सरकार ने मध्य प्रदेश के 13 से 14 हजार करोड़ रुपए रोक रखे हैं। जीएसटी के तीन से साढ़े तीन हजार करोड़ रुपए भी नहीं मिले। जीएसटी लागू होने के बाद क्षतिपूर्ति राशि देने का जो प्रावधान है, अगस्त 2019 से नवंबर 2019 तक की अवधि के लिए भारत सरकार को की गई। क्षतिपूर्ति राशि 2876 करोड़ रुपए अभी केंद्र से नहीं मिले हैं।उन्होंने बताया कि विदेशी मदिरा विक्रय के लिए विभिन्न ने प्रकार के लाइसेंसों और शराब निर्माता इकाइयों के लाइसेंस में जो फीस वृद्धि कई गई है उससे मिलने वाले राजस्व को जनकल्याणकारी योजनाओं में खर्च किया जाएगा। पंजीयन विभाग में 2019 में आज तक 3921 करोड़ रुपए से ज्यादा का राजस्व संग्रहण किया है जो पिछले साल इसी अवधि में संग्रहित राजस्व ₹3470 की तुलना में 63% अधिक है।


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