भोपाल।
प्रदेश में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरकार 25 मार्च से गेहूं की खरीदी करेगी। इसके लिए किसानों ने पंजीयन करवाना शुरु कर दिया है है। आज पंजीयन की आखरी तारीख है। इसके बाद 20 मार्च तक इनके रकबे और संभावित उपज का सत्यापन करवाया जाएगा। इसके साथ ही सरकार ने फैसला किया है कि वह गेहूं खरीदी पर 26 हजार करोड़ रुपए की गारंटी देगी। नागरिक आपूर्ति निगम रिर्जव बैंक के माध्यम से वित्तीय संस्थाओं से यह राशि कर्ज के तौर पर लेगा और जब केंद्र सरकार से राशि मिलेगी तो लौटाई जाएगी।
दरअसल, 25 मार्च से गेहूं की खरीदी होना है और आज पंजीयन की आखरी तारीख है। इसी के चलते बुधवार को मुख्य सचिव सुधिरंजन मोहंती की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक बुलाई गई थी।बैठक में संबंधित विभागों के अधिकारियों ने किसानों का पंजीयन, खरीदी केंद्रों की स्थिति , बोरों का इंतजाम सहित अन्य मुद्दों पर जानकारी दी गई। साथ ही फैसला किया गया कि सरकार गेहूं खरीदी पर 26 हजार करोड़ रुपए की गारंटी देगी। नागरिक आपूर्ति निगम रिर्जव बैंक के माध्यम से वित्तीय संस्थाओं से यह राशि कर्ज के तौर पर लेगा और जब केंद्र सरकार से राशि मिलेगी तो लौटाई जाएगी। इसके अलावा इस बार गेहूं पर किसानों को 160 रुपए प्रोत्साहन राशि देगी। इसके लिए जय किसान समृद्धि योजना लागू करने का निर्णय लिया गया है।
प्रोत्साहन राशि भी देगी सरकार
इसके साथ ही गेहूं के समर्थन मूल्य की खरीदी में किसानों को अतिरिक्त बोनस राशि भी सरकार देगी। सरकार किसानों को गेंहू पर 160 रुपये प्रति क्विंटल की प्रोत्साहन राशि देने का फैसला किया है। इस तरह सरकार 2000 रुपये प्रति क्विंटल पर किसानों का गेहूँ खरीदेगी। यह प्रोत्साहन राशि उन किसानों को भी दी जायेगी, जो मण्डी जाकर अपना गेहूँ बेचेंगे। प्रोत्साहन राशि को लेने के लिए किसानों पर सरकारी एजेंसियों को ही गेहूँ बेचने का बंधन नहीं होगा।
ऐसे मिलेगी 160 रुपए
समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी कराने वाले किसानों के बैंक खातों में 160 रुपये प्रति क्विंटल राशि जमा होगी। मण्डी में विक्रय करने पर भी 160 रुपये प्रति क्विंटल की प्रोत्साहन राशि मिलेगी। मण्डी में गेहूं न्यूनतम समर्थन मूल्य से नीचे या ऊपर के भाव पर बेचा गया हो, दोनों ही परिस्थिति में मिलेगी प्रोत्साहन राशि। गेहूं की खरीदी अवधि में बढ़ोत्तरी पर मण्डी में विक्रय अवधि स्वयंमेव मान्य होगी। द्य मण्डी बोर्ड द्वारा जिन संस्थाओं को क्रय केन्द्र स्थापित कर कृषकों की उपज सीधे खरीदी करने के लिये एकल लायसेंस प्रदान किये गये हैं, उनके केन्द्र पर गेहूँ विक्रेता पंजीकृत किसानों को भी पात्रतानुसार योजना का लाभ दिया जायेगा।प्रोत्साहन राशि के लिये किसान को ई-उपार्जन पोर्टल पर गेहूं उपार्जन का पंजीयन कराना अनिवार्य होगा।
भुगतान सीधे किसानों के खाते में
खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग के अधिकारियों ने बताया कि रबी फसलों में इस बार गेहूं, चना मसूर और सरसों की खरीदी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर होनी है। इसके लिए किसानों का पंजीयन करने दो हजार 801 ऑनलाइन पंजीयन केंद्र बनाए गए हैं। अभी तक 11 लाख 97 हजार किसानों ने पंजीयन करा लिया है। इसमें गेहूं के लिए 11 लाख नौ हजार, चना बेचने तीन लाख तीन हजार, मसूर दाल के लिए 63 हजार पांच सौ और सरसों के लिए 11 हजार से ज्यादा किसानों ने पंजीयन कराया है। खरीदी के लिए केंद्रों का निर्धारण पंजीयन होने के बाद होगा। आयुक्त खाद्य श्रीमन शुक्ला ने बताया कि इस बार किसानों को उपज का भुगतान सीधे उनके खाते में होगा। समिति सत्यापन का काम करेगी। गोदाम स्तर पर खरीदी केंद्र बनाने को प्राथमिकता दी जाएगी, ताकि परिवहन आदि में परेशानी न हो। इसके साथ ही किसानों की सहूलियत को भी ध्यान में रखा जाएगा।