औरंगाबाद रेल हादसे(aurangabad rail incident) और मजदूरों की घर वापसी के बीच प्रदेश में एक बार फिर सियासत गरमा गयी है। विपक्ष(opposition) लगातार इस मुद्दे पर सरकार(government) को घेर रही है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ(former chiefminister kamalnath) ने प्रदेश के सभी कांग्रेस विधायकों(congress MLAs) और जनप्रतिनिधियों से अपील की है कि वह प्रदेश की सीमा मार्ग पर भूखे, प्यासे अपने घरों को वापस लौट रहे मजदूरों के लिए खाने-पीने के राशन का इंतजाम करें। वहीं उन्होंने शिवराज सरकार पर तंज कसते हुए कहा है कि सरकार द्वारा मजदूरों के लिए कोई इंतजाम नहीं किया गया है और ना ही कोई साधन की व्यवस्था की गई है। पैदल, साईकल और कोई अन्य साधन से अपनी मंज़िल की और निकल पढ़ा है। कोई भूख-प्यास से दम तोड़ रहा है तो कोई भीषण गर्मी से दुर्घटना का शिकार हो रहे है।
शनिवार को ट्वीट(tweet) करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि मज़दूर भाइयों के पास ना रोज़गार बचा है और ना राशन और ये अपने घरों को वापस लौटना चाहते है। लेकिन इन ग़रीब-बेबस मज़दूरों की कोई सुध लेने वाला नहीं है, सारे ज़िम्मेदार अधिकारी भी नदारद है। कमलनाथ ने कहा कि मुख्यमंत्री से लेकर सारे मंत्री सिर्फ़ बैठक बयानों में ही लगे हुए है।उन्होंने कहा कि शिवराज(shivraj) के सभी लोग मैदान से नदारद है। वहीं उन्होंने उनके सभी वादों को उनके सारे दावे हवा-हवाई है।
टेस्टिंग को लेकर भी उठाया सवाल
नाथ ने कहा कि डेढ माह में ही भाजपा सरकार(BGP Government) ने प्रदेश की तस्वीर बदल कर रख दी है। अब प्रदेश में कोरोना संक्रमितो का आँकड़ा 3400 पार, मृत्यु का आँकड़ा 200 पार पहुँच गए है। वहीँ इंदौर(indore) की स्थिति बेहद गंभीर व चिंताजनक हो चुकी है। प्रदेश में कोरोना(corona) संक्रमित जिलों का रोज़ बढ़ रहा आँकड़ा 35 के पार पहुँच चूका है। ग्रीन जोन के 9 जिलो में भी कोरोना संक्रमण के मामले सामने आये। वहीँ कोरोना का क़हर अब गाँवो की तरफ भी बढ़ रहा है।डेढ़ माह बाद भी प्रदेश में सुरक्षा के संसाधन, टेस्टिंग किट(testing kit), कार्टैज का अभाव है आज भी टेस्टिंग की रिपोर्ट 10 से 15 दिन में आ रही है।सैंपलों की पेंडेंसी में रोज़ बढ़ोतरी हो रही है।जिससे संक्रमण व मौत का आँकड़ा बढ़ता जा रहा है। वहीँ प्रदेश में आये दिन कोरोना वारियर्स संक्रमित हो रहे हैं। प्रदेश भर के अस्पतालों में मनमानी, इलाज में लापरवाही , भारी भरकम बिल की वसूली , बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं की तस्वीरें रोज़ सामने आ रही है।
शराब को लेकर बोला हमला
पूर्व सीएम ने शिवराज सरकार की कथनी और करनी पर भी सवाल उठाये हैं। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा है कि प्रदेश में भले कोरोना का क़हर बढ़ जाये लेकिन शराब(liquor) की कमाई आवश्यक है। जो शिवराज विपक्ष में शराब को लेकर ख़ूब धरने देते थे, भाषण देते थे, विरोध करते थे। इसे बहन-बेटियों के लिये ख़तरा बताते थे। प्रदेश को मदिरा प्रदेश बनाने का आरोप लगाते थे। आज सत्ता में आकर वे लॉकडाउन(lockdown) में जब मंदिर-मस्जिद-गुरुद्वारे, सभी धार्मिक स्थल तक बंद है, राशन की दुकाने तक बंद है। दूध- दवाई तक की दुकाने बंद है। ऐसे समय लोगों के लिये शराब की दुकाने खुलवा कर बैठे है। आमजन, संत-महात्मा, ख़ुद शराब ठेकेदार कोरोना के संक्रमण बढ़ने का हवाला देकर दुकाने बंद रखने की गुहार कर रहे है लेकिन शिवराज जी और उनकी सरकार डंडे के बल पर शराब दुकाने खुलवा का बैठी है। पीसीसी चीफ नाथ ने कहा कि पता नहीं प्रदेश को कहा ले जायेंगे।