भोपाल। मध्य प्रदेश में कांग्रेस के सत्ता में आते ही बड़े पैमाने पर प्रशासनिक सर्जरी की गई। दर्जन भर जिलों के कलेक्टर इधर से उधर कर दिए गए। लेकिन सरकार ने अभी तक 36 आईएएस, 16 आईपीएस और 4 आईएफएस अफसरों के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया। इन अधिकारियों के खिलाफ विधानसभा चुनाव के दौरान चुनाव आयोग में शिकायतें की गईं थी। इन शिकायतों पर आयोग ने राज्य सरकार से जरूरी कार्रवाई करने के लिए कहा था।
इन अधिकारियों पर विधानसभा चुनाव के दौरान विशेष राजनीतिक दल के लिए काम करने का आरोप लगा था। चुनाव आयोग में इनके खिलाफ शिकायत की गई थी। जिसके बाद आयोग ने सरकार से इस संबंध में जरूरी कदम उठाने के लिए कहा था। लेकिन राज्य सरकार ने आयोग की अनुशंसा पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है। जिन अधिकारियों के खलाफ शिकायत की गई है उनमें कुछ तो बहुत वरिष्ठ अफसर हैं।
इनमें विवेक अग्रवाल समेत प्रमोद अग्रवाल, मनोज श्रीवास्तव, कविंद्र कियावत, जेएन कंसोटिया, अभिजीत अग्रवाल, निशांत वरवड़े, राघवेंद्र सिंह, मुकेश शुक्ला, प्रिति मैथिल, आलोक सिंह, रमेश भंडारी, अभय वर्मा, अविनाश लवानिया, बीएम शर्मा, डीवी सिंह, अजय गुप्ता, कर्मवीर शर्मा, गणेश शंकर मिश्रा, भरत यादव और वैदप्रकाश शामिल हैं।
कांग्रेस ने जिन अफसरों के खिलाफ विधानसभा चुनाव के दौरान शिकायत की थी वह अब सरकार बदले के बाद भी महफूज हैं। सरकार ने किसी भी तरह का कोई एक्शन उनके खिलाफ नहीं लिया है। जिन आईपीएस, आईएएस और आईएफएस अफसरों के खिलाफ शिकायत की गई थी उनमें से कुछ का तबादला किया गया है और कुछ को दूसरे विभाग में भेजा गया है। लेकिन किसी पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। प्रीति मैथिल, गणेश मिश्रा और भरत यादव का जिला बदला गया है लेकिन वह अभी भी कलेक्टर की पोस्ट पर ही बने हैं। बीएम शर्मा, कविन्द्र कियावत, राघवेंद्र सिंह और अजय गुप्ता भी अपने पद पर बने हुए हैं। इसी तरह प्रमोद अग्रवाल जिनके खिलाफ कांग्रेस ने चुनाव के समय शिकायत की थी उन्हें शहरी प्रशासन का प्रमुख सचिव बनाया गया है।