उच्च शिक्षित युवाओं में लगी Street Vendors बनने की होड़, 50 हजार युवाओं ने किया आवेदन

Gaurav Sharma
Published on -

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। पूरे देश में दिन-ब-दिन बेरोजगारों की संख्या (Number of unemployed) बढ़ती जा रही है। ऐसे में कोरोना महामारी (Corona epidemic) ने भी एक बड़ा असर डाला है। जिससे लोग आर्थिक तंगी के भी शिकार हो चुके हैं। हर साल भारी संख्या में लोग ग्रेजुएट होकर कॉलेज (College) और विश्वविद्यालय (university) से निकल रहे है, जिन्हें जॉब की तलाश (Job search) है। इसी प्रकार कोरोनाकाल (Coronacal) में लगे लॉकडाउन (Lockdown) के कारण भी लाखों लोग बेरोजगार (unemployed) हो चुके है। जिन्हें अब रोजगार (employed) की तलाश है। इसमें सबसे ज्यादा असर स्ट्रीट वेंडर्स (Street vendors) पर हुआ है। जो सड़कों के किनारे अपनी दुकान और ठेला लगाते थे।

केंद्र सरकार ने की पीएम स्वनिधि योजना की शुरूआत

सभी जानते है कि अधिकतर स्ट्रीट वेंडर्स (Street vendors) दूसरे जगह से काम की तलाश (Looking for work) में आए रहते है। ऐसे में उनका रोजगार (employment) छिन जाए तो, काफी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। इन्ही सभी बातों को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार (Central government) द्वारा प्रयास किया जा रहा है कि सभी कार्य अब धीरे-धीरे पटरी पर आ जाए। जिसके लिए केंद्र की मोदी सरकार (Modi government at the center) ने पीएम स्वनिधि योजना (PM Swanidhi Scheme) आरंभ की है। जिससे रेहड़ी-पटरी (Street track) पर काम करने वाले लोगों को फिर से रोजगार मिल सके।

ये भी पढ़े- “फ्री हैण्ड “पर गरमाई सियासत, कांग्रेस ने CM शिवराज पर साधा निशाना

लोन के लिए उच्च शिक्षित युवा कर रहे आवेदन

वर्तमान समय में शिक्षित (Educated) से लेकर अशिक्षित (Uneducated) सभी लोगों को रोजगार की तलाश (Seeking employment) है। ऐसे में सभी लोग पीएम स्वनिधि योजना (PM Swanidhi Scheme) का लाभ लेना चाहते है। जो अब कतार में लग चुके है। जी हां मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में ग्रामीण इलाकों से लगभग 50 हजार उच्च शिक्षित (highly qualified) युवा करीब 10 हजार रुपए का लोन लेकर स्ट्रीट वेंडर्स (Street vendors) बनान चाहते है। जिसके लिए सभी लोग लाइन पर है।

MP में करीब 29 लाख से अधिक बेरोजगारों का है पंजीयन

जानकारी के अनुसार, पीएम स्वनिधि योजना (PM Swanidhi Scheme) आत्मनिर्भर भारत पैकेज (Self-sufficient india package) के अंतर्गत आता है। जिसके लिए ग्रामीण क्षेत्र के उच्च शिक्षित युवाओं ने आवेदन किया है। बता दें कि मध्यप्रदेस में रजिस्टर्ड बेरोजगारों की संख्या 29 लाख के पार है। ये संख्या एमपी सरकार (MP Government) के ग्रामीण कामगार सेतु शासकीय पोर्टल (Rural Workers Bridge Government Portal) के स्पीड वेंडर रूरल डैशबोर्ड से है। जिन्होंने लोन के लिए अप्लाई किया है।

पीएम स्वनिधि योजना से मिलेगा बिना ब्याज पर लोन

पढ़े-लिखे होने के बावजूद भी नौकरी नहीं मिल पाने से परेशान युवाओं ने महज 10,000 रुपए का लोन लेकर स्ट्रीट वेंडर्स बनने के लिए अप्लाई किया है, जिसमें देखा जा रहा है कि ज्यादा से ज्यादा लोग ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट है। पूरे देश में लगातार बढ़ रही बेरोजगारी और फुटपाथ पर ठेला और दुकान लगाने वालों की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए केंद्र सरकार ने पीएम स्वनिधि योजना की शुरूआत की है। जिसके तहत 10 हजार रुपए का लोन बिना किसी ब्याज पर दिया जाएगा।

ऐसे मिलेगा योजना का लाभ

बात करें कि लोग पीएम स्वनिधि योजना का लाभ कैसे ले सकते हैं, तो इसके लिए भी सरकार ने गाइडलाइन जारी की है। जिसके तहत रेहड़ी-पटरी, ठेले वाले लोग पीएम स्वनिधि योजना का लाभ उठा सकते हैं। केंद्र सरकार की पीएम स्वनिधि योजना के तहत लोगों को 10,000 रुपए तक का लोन दिया जाएगा। जिसके लिए उन्हें किसी भी तरह का ब्याज नहीं लगेगा। यह लोन उन्हें किसी गारंटी पर मिलेगा। इसके साथ ही इस लोन को चुकाने के लिए समय अवधि भी तय की गई है, जिसके अनुसार लोन का भुगतान करने पर सात फीसदी तक ब्याज सब्सिडी भी मिलेगी। इस लोन का लाभ लेने के लिए लोग ऑनलाइन माध्यम से आवेदन कर सकते है।


About Author
Gaurav Sharma

Gaurav Sharma

पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

Other Latest News