History : आज ही के दिन हुई थी भारत छोड़ो आंदोलन की शुरुआत, सीएम शिवराज ने किया नमन

Shruty Kushwaha
Published on -

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। देश की आजादी के इतिहास में आज का दिन बहुत महत्वपूर्ण है। 8 अगस्त 1942 को महात्मा गांधी ने भारत छोड़ो आंदोलन(Quit India Movement)  की शुरुआत की थी। ये आंदोलन देशभर में एक सविनय अवज्ञा थी, जिसके बाद अंग्रेजों की हुकूमत हिल गई। महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) ने इस दिन ‘भारत छोड़ो’ का नारा दिया था।

स्वतंत्रता दिवस तक भारत के इन 7 ऐतिहासिक स्थानों में फ्री एंट्री…!

द्वितीय विश्व युद्ध के समय महात्मा गांधी ने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के बॉम्बे सत्र में इस आंदोलन को शुरु किया था। इस आंदोलन की शुरुआत में करो या मरो का नारा भी दिया गया था। उन्होने अंग्रेजों को चेतावनी दी थी कि या तो वो भारत छोड़ दें या फिर परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहे। गोवालिया टैंक मैदान में गांधीजी ने करो या मरो का आह्वान किया। इस आंदोलन के दौरान बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन हुए और कई स्थानों पर हिंसा की घटनाएं भी हुई। अंग्रेजों ने इसके बाद कांग्रेस के लगभग सभी नेताओं को बिना मुकदमे के जेल में डाल दिया था। हालांकि उस समय ब्रिटिश हुकूमत ने भारत छोड़ने से इंकार कर दिया लेकिन वो ये समझ गए थे कि अब यहां ज्यादा समय तक राज नहीं किया जा सकता। ये आंदोलन भारत से उनके पैर उखड़ने की नींव बना।

सीएम शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) ने आज ट्वीट करे हुए देश की आजादी के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर करने वाले वीरों को नमन किया है। उन्होने लिखा है ‘आज के ही दिन 1942 में ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ की शुरुआत हुई थी। स्वतंत्र भारत के स्वप्न को साकार करने के लिए देश के अनेक लाल हंसते-हंसते बलिदान हो गये थे। उन सभी वीरों के चरणों में श्रद्धा के सुमन अर्पित करता हूं।’ इसी के साथ उन्होने कहा है कि ‘भारत की लड़ाई अब अशिक्षा, गरीबी और आतंकवाद के विरुद्ध है। आइये, हम सब मिलकर इन बुराइयों के विरुद्ध भारत छोड़ो आंदोलन चलाएं और उन वीर शहीदों के सपनों के भारत का निर्माण करें।’


About Author
Shruty Kushwaha

Shruty Kushwaha

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

Other Latest News