भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश में बढ़ते कोरोना (MP Corona Update) के आंकड़ों ने चिंता बढ़ा दी है, ऐसे में केंद्र सरकार के निर्देश पर आगामी त्यौहारों को देखते हुए राज्य शासन, गृह विभाग (MP Home Department) ने कोरोना वायरस संक्रमण के रोकथाम एवं बचाव के लिए आवश्यक दिशा निर्देश जारी हैं। गृह विभाग ने एमपी में गणेशोत्सव और ताजियों के लिए नई गाइडलाइन जारी की है।
इसके तहत जुलूस नहीं निकाले जाएंगे, मूर्ति विसर्जन 10 लोग ही कर सकेंगे और रात 11 बजे से सुबह 6 बजे तक नाइट कर्फ्यू भी लागू रहेगा। धार्मिक व सामाजिक जुलूस या चल समारोह नहीं निकाले जाएंगे। गाइडलाइन का उल्लंघन होने पर संबंधित जिले के कलेक्टर कार्रवाई करेंगे। वे धारा 144 के तहत कार्रवाई कर सकेंगे। साथ ही जुलूस, पंडाल आदि के संबंध में अलग से परमिशन देंगे।
बता दे कि बीते 24 घंटे में प्रदेश में 18 नए संक्रमित मिले हैं,इसमें भोपाल में 4, जबलपुर में 3, इंदौर में 2, ग्वालियर-उज्जैन में 1-1 मरीज आए हैं। इसके बाद एक्टिव केस भी 101 हो गए हैं। पिछले 24 घंटे के आंकड़े को मिलाकर प्रदेश में पिछले 14 दिन में 126 नए केस मिल चुके हैं।
गणेशोत्सव और चेहुल्लम के दौरान 30 बाय 45 फीट के पंडाल बनाने की अनुमति।
कम जगह या संकरी सड़क पर पंडाल बनाने की अनुमति नहीं ।
गणेशोत्सव और चेहुल्लम के विसर्जन में अधिकतम 10 लोगों को शामिल होने की अनुमति।
धार्मिक, सामाजिक जुलूस या चल समारोह नहीं निकाले जाएंगे।
झांकी स्थल पर भीड़ नहीं।
सोशल मीडिया के पालन के लिए आयोजक जिम्मेदार होंगे।
लाउड स्पीकर के इस्तेमाल में सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस का पालन करना जरूरी।
झांकियों, पंडालों और विसर्जन स्थल पर श्रद्धालु और आयोजक को मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग और सैनेटाइजर जरूरी।
गौरतलब है कि सरकार ने जुलाई में कोरोना गाइडलाइंस जारी की थी, जिसमें नाइट कर्फ्यू में ढील दी गई थी. हालांकि अगस्त में सरकार ने फिर से
बता दें कि आगामी 10 सितंबर को गणेश चतुर्थी है और इस दिन श्रद्धालु गणपति की प्रतिमा को अपने घर में स्थापित करते हैं और अगले 10 दिनों तक यह उत्सव चलेगा. इसके बाद गणेश प्रतिमा का विसर्जन किया जाएगा. वहीं शिया मुसलमान इमाम हुसैन की शहादत के 40वें दिन चेहुल्लम त्योहार मनाते हैं. इस दौरान जुलूस निकाला जाता है. ऐसे में कोरोना के खतरे को देखते हुए गृह विभाग ने गाइडलाइंस जारी की हैं.
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Pooja Khodani
खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते।
"कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ।
खबरों के छपने का आधार भी हूँ।।
मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ।
इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।।
दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ।
झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।"
(पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)