रीवा।
नगर निगम के कमिश्नर सभाजीत यादव ने पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवराज सिंह चौहान पर बड़ा कटाक्ष किया है। दरअसल शिवराज सिंह चौहान किसान आंदोलन के दौरान रीवा गए थे और वहां पर उन्होंने नगर निगम आयुक्त सभाजीत यादव को समस्याओं को लेकर एक ज्ञापन सौंपा था। साथ ही साथ उन्होंने नगर निगम की कार्यशैली पर सवालिया निशान भी उस ज्ञापन में उठाए थे।
दरअसल इसके पहले सभाजीत यादव राजेंद्र शुक्ला को एक नोटिस जारी करके उन पर आर्थिक दंड आरोपित कर चुके थे और उन पर चुनाव में आश्वासन देकर लोगों को बरगलाने का आरोप लगाया था। शिवराज के ज्ञापन के जवाब में कमिश्नर नगर निगम रीवा ने शिवराज को पत्र लिखा है और उस पत्र में बिंदुवार उनके ज्ञापन में पूछे गए सवालों का जवाब दिया है। सभी जवाबों में नगर निगम आयुक्त ने एक बार फिर भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ल व बीजेपी कार्यकर्ताओं को ही गड़बड़ी का जिम्मेदार ठहराया है। लेकिन इन सबके बीच सबसे ज्यादा आपत्तिजनक बात जो लिखी गई है, वह पत्र के अंत में हैं।
यादव ने लिखा है कि आपने (शिवराज ने) मेरी पत्नी पर कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने के आरोप लगाए हैं वह पूरी तरह निराधार हैं। हालाकि मेरे पास जरूर कुछ लोग एक अभिभावक के साथ प्रतिनिधिमंडल के रूप में आए थे और आपकी (शिवराज की) पत्नी रीवा मे जहां किराए के मकान में रहती है, उसे साफ कराने के लिए कह रहे थे ताकि वहां डंपर खड़े हो सकें ।पत्र में जानबूझकर डंपर का उल्लेख करना आखिरकार किस उद्देश्य किया गया है, यह तो कमिश्नर ही जाने। लेकिन इसने एक बार फिर प्रदेश के बहुचर्चित डंपर कांड को पुनर्जीवित कर दिया है। जहां भाजपा विधायक विश्वास सारंग इससे अधिकारियों के चापलूसी की पराकाष्ठा बता रहे हैं वहीं प्रदेश सरकार के मंत्री पीसी शर्मा का कहना है एक बार फिर डंपर कांड की जांच की जाएगी और इस पत्र ने साबित कर दिया है कि वास्तव में डंपर कांड हुआ था।