भोपाल। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद अब अफसर कांग्रेस के निशाने पर हैं। नतीजे तो 11 दिसंबर को सबके सामने आएंगे, लेकिन कांग्रेस ने अभी से तय कर लिया है सरकार तो उसकी ही बन रही है। जिस तरह से कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ सिलसिलेवार प्रदेश के अफसरों को चेता रहे हैं उससे साफ मालूम पड़ रहा है कि प्रदेश में अगर कांग्रेस की सरकार बनती है तो सबसे पहले बड़े पैमाने पर प्रशासनिक सर्जरी करेगी। कई बड़े अफसरों पर गाज गिरेगी| मतदान के दिन ही कमलनाथ का एक बयान इस बात की ओर इशारा कर रहा है। जिसके चलते अफसरों में भी 11 दिसम्बर का इन्तजार हो रहा है|
नाथ ने सरकारी अधिकारी-कर्मचारियों को चेताया है कि 11 के बाद 12 दिसंबर भी आएगा। उन्होंने कहा पुलिस को अपनी वर्दी की इज्ज़त रखना चाहिए। उनके इस बयान से अफसरों में खलबली मच गई है। दरअसल कांग्रेस विपक्ष में रहते हुए आरोप लगाती रही है कि प्रशासनिक अफसर सरकार के लिए काम कर रहे हैं न की जनता के लिए। यही नहीं कांग्रेस ने अप्रत्यक्ष रुप से यह भी दावा किया था कि कुछ अफसर मुख्यमंत्री के खास होने का लाभ उठा रहे है और सरकार के घोटालों पर पर्दा डाल रहे हैं।
कमलनाथ ने पुलिस और चुनाव ड्यूटी में लगे अधिकारियों-कर्मचारियों को नसीहत दी कि पुलिस को वर्दी की इज़्ज़त रखना चाहिए, क्योंकि 11 तारीख़ के बाद 12 तारीख़ भी आएगी। कमलनाथ ने कहा ये चुनाव कमलनाथ वर्सेस शिवराज नहीं, बल्कि शिवराज वर्सेस जनता था।
गौरतलब है कि बुधवार को प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान संपन्न हुए। इस दौरान चुनाव ड्यूटी में लगे कुछ कर्मचारियों पर गाज भी गिरी। उनपर चुनाव ड्यूटी के दौरान लापरवाही बरतने का आरोप था। शाजापुर में तो चुनाव ड्यूटी पर आए अफसर भाजपा नेता के होटल में रुककर शराब के नशे में धुत मिले थे। इन सब घटनाओं को देखते हुए कमलनाथ ने बड़ा बयान दिया था। जिसके कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं।