औरंगाबाद, डेस्क रिपोर्ट। टीकाकरण (Vaccination) में तेजी लाने के लिए औरंगाबाद (Aurangabad) जिला प्रशासन ने सख्त कदम उठाया है। लेकिन ये सख्ती बरतते हुए उन्होने अजीबोगरीब फरमान सुना दिया है जिसके तहत राशन की दुकानों, गैस एजेंसियों और पेट्रोल पंपों को केवल उन्हीं लोगों को किराने का सामान और ईंधन की आपूर्ति की जाएगी, जिन्होने कोरोना वैक्सीन का कम से कम एक टीका लगवाया हो। जिले में ये आदेश 9 नवंबर से प्रभावी हो गया है।
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कोविड 19 के संक्रमण को रोकने के लिए प्रशासन ने राशन की दुकानों, गैस एजेंसियों और पेट्रोल पंपों को निर्देश दिए हैं कि सिर्फ उन्हीं नागरिकों को किराने का सामान (grocery) और पेट्रोल (Petrol) डीजल (Diesel), गैस सिलेंडर की आपूर्ति की जाए जिन्होंने कम से कम एक वैक्सीन लगवाई हो। दरअसल महाराष्ट्री में औरंगाबाद जिला 36 जिलों में टीकाकरण के लिहाज से 26वें स्थान पर है। अब तक यहां सिर्फ 55 प्रतिशत लोगों का वैक्सीनेशन हुआ है।यहां वैक्सीनेशन की रफ्तार काफी धीमी है और इसमें तेजी लाने के लिए प्रशासन ने ये कदम उठाया है। मंगलवार रात जारी आदेश में औरंगाबाद के कलेक्टर सुनील चव्हाण ने उचित मूल्य की दुकानों, गैस एजेंसियों और पेट्रोल पंपों के अधिकारियों को उपभोक्ताओं के वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट की जांच करने के निर्देश दिए हैं। अगर आदेश का पालन नहीं किया या को संबंधित लोगों के खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम एवं महामारी रोग अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।
हाल ही में कलेक्टर ने एक आदेश में ये भी कहा था कि जिन लोगों ने वैक्सीन नहीं लगवाई है, उनके लिए जिले के पर्यटन स्थलों पर भी प्रवेश प्रतिबंधित किया गया है। साथ ही जिलास्तर और राज्यस्तर पर भी उनकी आवाजाही पर रोक रहेगी। बता दें कि महाराष्ट्र कोरोना से सर्वाधिक प्रभावित राज्यों में शामिल रहा है और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने राज्य में 20 नवंबर तक शत प्रतिशत टीकाकरण का लक्ष्य रखा है। इसी को देखते हुए औरंगाबाद जिला प्रशासन ने ये कड़ा रवैया अपनाया है। अब सभी पर्यटन स्थलों के साथ होटलों, रिज़ॉर्ट व दुकानों में काम करने वालों के लिए वैक्सीन लगवाना अनिवार्य है।