भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश उपचुनाव (MP By-election) में हार के करीब 14 दिन बाद शिवराज सरकार (Shivraj Government) में महिला बाल विकास मंत्री (Minister of Women and Child Development) रही सिंधिया समर्थक इमरती देवी (Imrati Devi) के इस्तीफे के बाद पुर्नवास की चर्चाएं शुरु हो गई है। सियासी गलियारों में गूंज सुनाई दे रही है कि इमरती को महिला वित्त विकास निगम का अध्यक्ष बनाकर कैबिनेट मंत्री (Cabinet Minister) का दर्जा हर हाल में दिया जाएगा, जिससे उनका राजनैतिक कद बरकरार रहे।कयास लगाए जा रहे है कि बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा जल्द कार्यसमिति घोषित करेंगे।
दरअसल, उपचुनाव में मिली हार के तुरंत बाद कैबिनेट मंत्री एंदल सिंह कंसाना (Andal Singh Kansana) और इसके कुछ दिनों बाद कृषि राज्य मंत्री गिर्राज दंडोतिया (Girraj Dandotia) ने भी अपना इस्तीफा दे दिया था, लेकिन इमरती देवी ने नतीजों के एक हफ्ते बाद भी इस्तीफा नही दिया था, जिसको लेकर कांग्रेस (Congress) ने सवाल उठाना शुरु कर दिए थे, साथ ही साथ भाजपा संगठन और स्वयं सेवक संघ (RSS) के भी नाराज होने की खबरें लगातार सामने आ रही थी। इसके बाद इमरती देवी ने भोपाल पहुंचकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) को इस्तीफा सौंप दिया,इसकी जानकारी उन्होंने खुद मीडिया को दी। इसके बाद से ही सिंधिया समर्थकों के पुर्नवास की चर्चाएं जोरों पर है।
सूत्रों का कहना है सिंधिया की कट्टर समर्थक मानी जाने वाली इमरती देवी को कैबिनेट मंत्री (Cabinet Minister) का दर्जा देकर उनका राजनीतिक कद बरकरार रखा जाएगा। वही इसके कई सियासी मायने भी निकाले जा रहे है। हालांकि चुनाव हारने के बाद खुद इमरती देवी ने ऐलान करते हुए कहा था कि वे मंत्री बनी रहेंगी और क्षेत्र का विकास उनके ही माध्यम से होगा। इस बयान ने सियासी गलियारों और कांग्रेस में हलचल पैदा कर दी थी। इस पूरे घटनाक्रम को भी इससे जोड़कर देखा जा रहा है।कहा तो यह भी जा रहा है सिंधिया अपने समर्थकों को पद दिलाकर सियासी जमीन मजबूत करना चाहते है, ताकी आने वाले विधानसभा और लोकसभा की राह आसान हो।
कैबिनेट मंत्री के दर्ज के साथ मिल सकता है ये पद
खबर है कि शिवराज सरकार हारे मंत्रियों को निगम-मंडलों (Boards of corporations) में जगह देने के साथ ही उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया जा सकता है, जिसमें इमरती देवी को महिला वित्त एवं विकास निगम (Women Finance and Development Corporation) और दंडोतिया को हाउसिंग बोर्ड (Housing board) में जगह मिल सकती है, ताकी मिशन 2023 पर फोकस किया जा सके।सुत्रों की माने तो ज्योतिरादित्य सिंधिया चाहते हैं कि इमरती देवी को 2023 के विधानसभा चुनाव की तैयारियों के लिए लगाया जाए, लेकिन संगठन और संघ कोई भी पद देने से पहले पार्टी की रीति-नीति को समझाना चाहता है, ताकी आने वाले भविष्य में कोई परेशानी ना हो। हालांकि, इसके लिए पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पार्टी स्तर पर चर्चा करेंगे, इसके बाद ही आखिरी निर्णय लिया जाएगा।
भाजपा नेताओं के साथ सिंधिया समर्थकों को भी करेंगे एडजस्ट
वही अब बीजेपी नेताओं और सिंधिया समर्थकों को बीजेपी प्रदेश कार्यसमिति घोषित होने का बेसब्री से इंतजार है, उम्मीद है कि प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा (VD Sharma) जल्द ही टीम की घोषणा करेंगे ,जिसमें राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के 4-5 समर्थकों को जगह दी जा सकती है। लेकिन इससे पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रदेश कार्यकारिणी में भाजपा के सीनियर नेताओं (Senior Leaders) को पद देकर संतुष्ट करना चाहते हैं, ताकी आगे होने वाले मंत्रिमंडल विस्तार और ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) एडजस्त करने में कोई दिक्कत ना हो। वही मोदी मंत्रिमंडल (Modi Cabinet) में ज्योतिरादित्य सिंधिया को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया जाना या संगठन में कोई महत्वपूर्ण पद इस पर भी अभी तक फैसला नहीं हो पाया है।
सीखना होगा पार्टी और संगठन की रीति नीती
पूर्व केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा सांसद ज्योतिराज सिंधिया ( के साथ भाजपा (BJP) में आए उनके समर्थकों (Supporters) को पार्टी पहले अपनी रीति नीति और वर्किंग स्टाइल (Working Style) की ट्रेनिंग देगी इसके बाद इन्हें वरिष्ठता के आधार पर संगठन में एडजस्ट किया जाएगा। भाजपा के ट्रेनिंग कैंप (Traning Camp) 27 नवंबर से शुरू हो रहे हैं, यह अगले महीने की 15 दिसंबर (December) तक चलेगी।इसमें सिंधिया समर्थकों को खास तौर पर बुलाया जाएगा। संगठन चाहता है कि कांग्रेस (Congress) से आए कार्यकर्ता पहले पार्टी को समझ लें उसके बाद इन्हें जिला और मंडल में गठित होने वाली कार्यकारिणी में स्थान दिया जाए।
(भोपाल से पूजा खोदाणी की रिपोर्ट)