Independence Day 2023 : हमारा तिरंगा हमारी आन बान और शान है। राष्ट्रध्वज हमारे गौरव का प्रतीक है इसीलिए हर साल स्वतंत्रता दिवस पर ध्वजारोहण किया जाता है और गणतंत्र दिवस के अवसर पर झंडा फहराया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ध्वजारोहण और झंडा फहराना दो अलग बातें हैं और इसकी प्रक्रिया भी अलग होती है। आज हम आपको इसी अंतर के बारे में बताने जा रहे हैं।
ध्वजारोहण और झंडा फहराने में अंतर
स्वतंत्रता दिवस यानी 15 अगस्त के दिन ध्वजारोहण होता है जिसे अंग्रेजी में Flag Hoisting कहते हैं। वहीं गणतंत्र दिवस यानी 26 जनवरी (Republic Day) पर राष्ट्रीय ध्वज या झंडा फहराया जाता है और इसे अंग्रेजी में Flag Unfurling कहते हैं। दरअसल दो तरीके से झंडे को फहराया जाता है। एक तरीका है कि ध्वज को नीचे से रस्सी से खींचकर ऊपर ले जाया जाता है और फिर उसे फहराते हैं। स्वतंत्रता दिवस पर यही प्रक्रिया की जाती है जिसे ध्वजारोहण कहते हैं। वहीं दूसरे तरीके में ध्वज ऊपर ही बंधा होता है और उसे खोलकर फहराया जाता है। गणतंत्र दिवस पर यही होता है जिसे झंडा फहराना या फिर झंडोत्तोलन भी कहते हैं। इस तरह 15 अगस्त और 26 जनवरी दोनों दिन राष्ट्रीय ध्वज को फहराने की अलग अलग प्रक्रिया होती है।
स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस में अंतर
इसके साथ स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस..इन दो दिवसों में कुछ और महत्वपूर्ण अंतर भी हैं। ये दोनों ही हमारे राष्ट्रीय पर्व हैं। भारत को 15 अगस्त 1947 को ब्रिटिश साम्राज्य से आजादी मिली थी और इसका जश्न हम स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाते हैं। वहीं देश का संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ था और इस दिन हम गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं। देश के पहले स्वतंत्रता दिवस पर हमारे प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने ध्वजारोहण किया था। वहीं जब संविधान लागू हुआ तब भारत के प्रथम राष्ट्रपति के रूप में डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने कार्यभार संभाला और उनके द्वारा ही पहली बार तिरंगा फहराया गया था।
इसीलिए परंपरानुसार स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर कार्यक्रम के प्रमुख देश के प्रधानमंत्री होते हैं और उनके द्वारा हर साल ध्वजारोहण किया जाता है। वहीं गणतंत्र दिवस पर मुख्य कार्यक्रम में देश के महामहिम राष्ट्रपति सम्मिलित होते हैं और वे झंडा फहराते हैं। स्वतंत्रता दिवस का मुख्य आयोजन दिल्ली में लाल किले पर होता है जबकि गणतंत्र दिवस का मुख्य आयोजन राजधानी में राजपथ पर होता है। गणतंत्र दिवस का मुख्य कार्यक्रम बेहद धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन राजपथ पर परेड होती है जहां सेना की टुकड़ियां अपनी सैन्य शक्ति का प्रदर्शन करती हैं वहीं अलग अलग सांस्कृतिक झांकियां भी निकाली जाती है। इस दिन किसी अन्य देश से मुख्य अतिथि और कई विशिष्ट अतिथि भी कार्यक्रम में सम्मिलित होने आते हैं। लेकिन स्वतंत्रता दिवस पर ऐसा कुछ आयोजन नहीं होता है।