भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में नगरीय निकाय चुनाव (Urban Body Elections) और पंचायत चुनाव (Panchayat Elections) भले ही मार्च 2021 के बाद होंगे लेकिन इसको लेकर तैयारियां जोरों पर चल रही है। एक तरफ राजनीतिक पार्टियां (Political Parties) अपनी रणनीति और उम्मीदवारों के चयन में जुटी हुई है वही दूसरी तरफ चुनाव आयोग (Election Commission भी मतदाता सूची (voter’s list) और अन्य कार्यों को लेकर तेजी से कार्य कर रहा है।मतदाता-सूची का अंतिम प्रकाशन 3 मार्च को होगा।
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अब राज्य निर्वाचन आयुक्त (State election commissioner बसंत प्रताप सिंह ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिला कलेक्टर्स (District Collectors) को कहा कि मतदाता-सूची के प्रकाशन के बाद निर्वाचन की प्रक्रिया प्रारंभ होगी। अध्यक्ष और महापौर का निर्वाचन प्रत्यक्ष रूप से मतदाताओं द्वारा किया जायेगा। नगरीय निकाय चुनाव 2 चरण और पंचायत चुनाव 3 चरण में हो सकते हैं। नगरीय निकायों में महापौर, अध्यक्ष एवं पार्षद तथा पंचायत निर्वाचन में जिला पंचायत सदस्य और जनपद पंचायत सदस्य के लिये मतदान ईव्हीएम के माध्यम से होगा। सरपंच और पंच के लिये मतदान मत-पत्र एवं मत-पेटी के माध्यम से होगा।
राज्य निर्वाचन आयुक्त ने बताया कि नगरीय निकाय चुनाव और त्रि-स्तरीय पंचायतों के आम निर्वाचन के लिये एक जनवरी, 2021 की संदर्भ तारीख के आधार पर फोटोयुक्त मतदाता-सूची के पुनरीक्षण का कार्य जारी है। मतदाता-सूची पर दावे-आपत्तियाँ प्राप्त करने के लिये निर्धारित अवधि 8 से 15 फरवरी का व्यापक प्रचार-प्रसार करवाया जाये, जिससे पात्र मतदाता अपना नाम मतदाता-सूची में जुड़वा सकें।
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राज्य निर्वाचन आयुक्त ने बताया कि नगरीय निकाय चुनाव तथा त्रि-स्तरीय पंचायतों के आम/उप निर्वाचन में लगने वाले पोलिंग अमले एवं ईव्हीएम (EVM) मशीनों की एफएलसी के लिये नियुक्त इंजीनियरों की निर्वाचन ड्यूटी के दौरान कोविड-19 से मृत्यु पर 30 लाख रुपये की क्षतिपूर्ति राशि दी जायेगी। मतदाता-सूची पुनरीक्षण प्रक्रिया की नियमित मॉनीटरिंग आयोग स्तर पर भी की जा रही है। मतदाता-सूची बनाने का कार्य पूरी तरह से निष्पक्ष और पारदर्शी ढंग से करें।
राज्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि कोविड-19 के कारण मतदान के समय में एक घंटे की वृद्धि की जायेगी। मतदान सुबह 7 से शाम 6 बजे तक होगा। नगरीय निकायों के आम निर्वाचन में व्यय लेखा पार्षदों के लिये भी लागू होगा। सभी अभ्यर्थियों को 30 दिन में व्यय-लेखा देना अनिवार्य होगा। निर्वाचन प्रक्रिया में आई.टी. का समुचित उपयोग करें। उन्होंने बताया कि आयोग द्वारा आईईएमएस, चुनाव एप सहित अनेक आई.टी. टूल्स आपकी सुविधा के लिये बनाये गये हैं। आवश्यकतानुसार वर्चुअल मोड में ट्रेनिंग करवाई जायेगी।