जीतू पटवारी ने कहा ‘लाखों किसानों के डिफॉल्टर होने का खतरा’, सीएम मोहन यादव से जल्द फैसला लेने की मांग

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री किसान हित के इस जरूरी फैसले को गंभीरता से लें और किसानों की राशि लोन अकाउंट में जमा करने के लिए तिथि आगे बढ़ाएं। यदि किसानों को जबरन डिफाल्टर घोषित किया गया, तो कांग्रेस को उनके साथ सड़क पर उतरना पड़ेगा।

Jitu Patwari questions the government : कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा है कि मध्य प्रदेश में लाखों किसानों पर डिफॉल्टर होने का ख़तरा मंडरा रहा है क्योंकि उनसे लोन की राशि तो ले ली गई है लेकिन उनके लोन अकाउंट में ये रक़म नहीं जुड़ी है। उन्होंने सीएम मोहन यादव से पूछा है कि सरकार की लापरवाही का ख़ामियाज़ा किसान कब तक उठाते रहेंगे। इसी के साथ उन्होंने कहा कि यदि जल्द ही किसानों के हित में फ़ैसला नहीं लिया गया तो कांग्रेस को सड़कों पर उतरना पड़ेगा।

‘किसानों पर डिफॉल्टर होने का खतरा’

जीतू पटवारी ने एक्स पर लिखा है कि ‘मध्यप्रदेश में 4.21 लाख किसानों पर डिफॉल्टर होने का खतरा मंडरा रहा है।  क्योंकि, उपार्जन केंद्र में गेहूं बेचने के बाद 2.25 लाख किसानों से लोन की रकम तो ले ली गई, लेकिन आखिरी तिथि होने के बावजूद यह रकम लोन अकाउंट में नहीं जुड़ी। आंकड़े बता रहे हैं कि इस साल 15 लाख किसानों ने गेहूं बेचने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया था। सिर्फ 6.15 लाख ही उपार्जन केंद्रों में गेहूं बेचने पहुंचे। इनमें से भी सिर्फ 1.94 लाख किसानों की ही राशि लोन अकाउंट में जमा हुई है। बड़ा सवाल यह है कि बचे हुए 4.21 लाख किसानों की ​राशि जमा नहीं हुई या उसको लेकर भी कोई असमंजस है। इस सरकारी अव्यवस्था के बाद अब यदि यह तारीख भी नहीं बढ़ाई गई, तो किसान डिफॉल्टर हो जाएंगे। मीडिया रिपोर्ट्स यह भी बता रही हैं कि पिछले साल प्रदेश में डिफॉल्टर किसानों की संख्या 12 लाख थी, जिसमें इस साल 30% की वृद्धि हुई हैइस चौंकाने वाले आंकड़े पर भाजपा सरकार जवाब देने की स्थिति में नहीं है।’

‘बीजेपी की वादाखिलाफी से आक्रोशित हैं किसान’

उन्होंने कहा कि ‘बीजेपी सरकार भूले नहीं कि कृषकों के लिए अल्पकालीन फसल ऋण की देय तारीख बढ़ाकर 31 मई की थी। तय समय सीमा में कर्ज जमा करने वाले किसानों को 0% ब्याज लगेगा।  एक दिन भी ज्यादा होने पर पूरे साल का 14% ब्याज वसूला जाएगा। सीएम मोहन यादव जी, सरकारी लापरवाही की कीमत किसान कब तक चुकाएगा? घोषित समर्थन मूल्य को लेकर पहले से ही ठगा गया किसान फिर से बीजेपी की वादाखिलाफी से आक्रोशित है। किसानों की यह भी मांग है कि लोन राशि खरीदी के दौरान ही क्यों काटी जा रही है, उसे केसीसी में डाल दिया जाए। किसान खुद कर्ज चुका देगा! वसूली के लिए बेचैन रहने वाली सरकार क्या ऐसा करेगी? आपसे अनुरोध है कि किसान हित के इस जरूरी फैसले को गंभीरता से लें और तत्काल तिथि फिर से आगे बढ़ाएं। यदि किसानों को जबरन डिफाल्टर घोषित किया गया, तो कांग्रेस को उनके साथ सड़क पर उतरना पड़ेगा।’


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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