भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। कोरोना संकटकाल (Corona crisis) के बीच मध्य प्रदेश के जूनियर डॉक्टर्स (Juda) एक बार फिर सरकार (MP Government) के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी में है। जूडा एसोसिएशन (Junior Doctors Association) ने मानदेय बढ़ाने समेत अन्य मांगों को लेकर प्रदेशव्यापी आंदोलन (movement) की चेतावनी दी है।इतना ही नहीं जूनियर डॉक्टर्स ने 6 मई गुरुवार से इमरजेंसी सेवाएं और 7 मई से कोरोना से जुड़ी सेवाएं बंद करने की भी चेतावनी दी है।
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जूनियर डॉक्टर्स ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है। जूडा का आरोप है कि बीते महिने 12 अप्रैल को चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग (Medical Education Minister Vishwas Sarang) द्वारा मांगे पूरी करने का आश्वासन दिए जाने के बाद उन्होंने आंदोलन स्थगित कर दिया था, लेकिन इस बात को 3 हफ्ते बीत चुके है लेकिन अबतक इस संबंध में कोई लिखित आदेश जारी नहीं किया गया है।
जूनियर डॉक्टर्स ने चेतावनी देते हुए कहा है कि इस बार अगर उनकी मांगों पर लिखित आदेश जारी नहीं हुए तो फिर 6 मई से वो इमरजेंसी सेवाएं रोक देंगे और 7 मई से कोरोना से जुड़ी सेवाएं बंद करने की भी चेतावनी दी है। अगर ऐसा हुआ तो कोरोना संक्रमित मरीजों की परेशानी बढ़ सकती है।
यह है प्रमुख मांगे
- मेडिकल कॉलेज से संबद्ध अस्पतालों में कोरोना के सिर्फ गंभीर मरीजों का ही इलाज किया जाए। जिससे चिकित्सा छात्रों की पढ़ाई प्रभावित न हो।
- जूनियर डाक्टरों के एक ऐसा प्रशस्ति पत्र दिया जाए भविष्य में जब भी वह किसी विभाग में सेवा के लिए आवेदन करें तो उन्हें 10 नंबर अतिरिक्त मिले।
- जूनियर डाक्टरों ने पिछले 1 साल में अपनी सारी परेशानी भूल कर मरीजों की सेवा की है। लिहाजा उनकी एक साल की शिक्षण शुल्क माफ की जाए।
- जूनियर डाक्टरों का मानदेय पिछले 3 साल से नहीं बढ़ा है, जबकि मुख्यमंत्री ने हर साल 6 परसेंट बढ़ाने की बात कही थी। 3 साल के मिलाकर 18 फीसद मानदेय बढ़ाया जाए।
- कोरोना के इलाज में लगे डाक्टरों को सरकार ने 10 हजार रुपए अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि देने की बात कही थी। एक साल बाद भी यह राशि नहीं मिली है।