ओबीसी आरक्षण पर जबलपुर हाईकोर्ट के फैसले को कमलनाथ ने बताया कांग्रेस की जीत, मुख्यमंत्री से की 27% ओबीसी आरक्षण लागू करने की मांग

हाईकोर्ट ने मंगलवार को उस याचिका को निरस्त कर दिया, जिसमें मध्य प्रदेश सरकार द्वारा अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को 27 प्रतिशत आरक्षण देने के फैसले को चुनौती दी गई थी। सुनवाई के दौरान 2023 में हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण अंतरिम आदेश पारित किया था, जिसमें 87:13 का फार्मूला निर्धारित किया गया था। अब कल आए फैसले के बाद कमलनाथ ने कहा है कि कांग्रेस सरकार ने ओबीसी को जो 27 प्रतिशत आरक्षण का अधिकार दिया था, उसे सुनिश्चित करना वर्तमान राज्य सरकार की जिम्मेदारी है।

Shruty Kushwaha
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Kamal Nath on High Court OBC Reservation Verdict : पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने जबलपुर हाईकोर्ट के ओबीसी आरक्षण पर दिए फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट ने उस जनहित याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें राज्य शासन द्वारा प्रदेश में 27% ओबीसी आरक्षण देने के फैसले का विरोध किया गया था। कमलनाथ ने इसे कांग्रेस पार्टी की नीतियों की जीत बताया है। इसी के साथ उन्होंने सीएम मोहन यादव से भर्तियों में 27 प्रतिशत आरक्षण लागू करने की मांग भी की है।

वहीं, कांग्रेस मीडिया सलाहकार पीयूष बबेले ने कहा है कि 27 प्रतिशत OBC आरक्षण के खिलाफ याचिका खारिज कर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने कमलनाथ सरकार के फैसले पर मुहर लगाई है और भाजपा का संविधान विरोधी, आरक्षण विरोधी और OBC विरोधी चेहरा एक बार फिर बेनकाब हो गया है।

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कमलनाथ का हाईकोर्ट के ओबीसी आरक्षण फैसले पर बयान

कमलनाथ ने कहा है कि मार्च 2019 में मैंने अपने मुख्यमंत्री कार्यकाल में मध्य प्रदेश के ओबीसी समुदाय को 27% आरक्षण देने का प्रावधान किया था। हाई कोर्ट के फैसले ने मेरी तत्कालीन सरकार के निर्णय को एक बार फिर सही साबित किया है। अब मध्य प्रदेश सरकार को तत्काल सभी स्तर पर 27% ओबीसी आरक्षण देना सुनिश्चित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में स्पष्ट कहा है कि मध्य प्रदेश लोक सेवा (अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षण) संशोधन अधिनियम 2019, जिसके माध्यम से कांग्रेस सरकार ने ओबीसी आरक्षण बढ़ाकर 27% किया गया था, उसे चुनौती नहीं दी गई है।

बीजेपी पर षड्यंत्र का आरोप लगाया

पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा कि ओबीसी आरक्षण को लेकर भाजपा ने हमेशा षड्यंत्रकारी रवैया अपनाया है। अगर पिछले 6 साल के घटनाक्रम को देखें तो यह बात और ज्यादा स्पष्ट हो जाती है। उन्होंने कहा कि ‘मार्च 2019 में मेरी तत्कालीन सरकार ने प्रदेश में ओबीसी को 27% आरक्षण देने का फैसला किया। 19 मार्च 2019 को हाईकोर्ट ने पोस्टग्रेजुएट मेडिकल कोर्सेज के लिए 27% ओबीसी आरक्षण पर स्थगन दिया। यहां उल्लेखनीय है कि स्थगन सिर्फ कुछ नौकरियों के लिए था। ओबीसी के 27% रिजर्वेशन की सभी बाधाओं को दूर करने के लिए जुलाई 2019 में मेरी सरकार ने विधानसभा से 27% ओबीसी आरक्षण का कानून भी पास कर दिया था। यह मध्य प्रदेश में ओबीसी वर्ग के प्रति लिया गया सबसे बड़ा और ऐतिहासिक फैसला था। लेकिन बाद में मेरी सरकार को षडयंत्रपूर्वक गिरा दिया गया और मार्च 2020 में शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी।

उन्होंने कहा कि ‘भाजपा सरकार ने ओबीसी के खिलाफ षड्यंत्र शुरू किया। हाई कोर्ट का आदेश सिर्फ कुछ पदों पर लागू होना था लेकिन भाजपा सरकार ने पूरे प्रदेश में सभी जगह यह आदेश लागू कर 27% आरक्षण की हत्या कर दी। 18 अगस्त 2020 को भाजपा सरकार के अतिरिक्त महाधिवक्ता ने उच्च न्यायालय में यह मत दिया कि 14% आरक्षण के साथ ही सभी सरकारी विभागों में भर्तियां की जाएं। यह ओबीसी वर्ग के साथ खुला षड्यंत्र था। जनवरी 2021 में बीजेपी सरकार ने हाई कोर्ट में आवेदन दिया की 14% आरक्षण के साथ ही भर्तियां कर ली जाएं और 13% आरक्षण को होल्ड पर रखा जाए। भाजपा सरकार के इस अभिमत के बाद जुलाई 2021 को हाईकोर्ट ने 14% ओबीसी आरक्षण के साथ भर्ती करने का और 13% आरक्षण को होल्ड करने का आदेश दिया।’

सीएम से की ये मांग

कमलनाथ ने कहा कि अब हाईकोर्ट ने 28 जनवरी 2025 के अपने आदेश में 27% आरक्षण के खिलाफ दायर की गई याचिका को खारिज कर दिया है। याचिका खारिज होने के साथ ही प्रदेश में 27% आरक्षण लागू करवाने के दरवाजे खुल गए हैं। उन्होंने कहा कि ‘मैं मुख्यमंत्री मोहन यादव से आग्रह करता हूं कि तुरंत सभी भर्तियों में 27% ओबीसी आरक्षण लागू करने के प्रावधान किए जाएं। मैंने और कांग्रेस सरकार ने ओबीसी को जो 27 प्रतिशत आरक्षण का अधिकार दिया था उसे सुनिश्चित करना वर्तमान राज्य सरकार की जिम्मेदारी है।’


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Shruty Kushwaha

Shruty Kushwaha

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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