भोपाल। वित्तीय संकट से जूझ रही कमलनाथ सरकार प्रदेश के लोगों को बजट में राहत देगी| बजट संभवत: 10 जुलाई को विधानसभा में प्रस्तुत होगा। बजट में सरकार आम जनता पर कोई अतिरिक्त बोझ डालने के मूड में नहीं है, बजट में ऐसा कोई कर नहीं लगाया जाएगा, जिसका प्रभाव सीधे आम आदमी पर पड़े। मुख्यमंत्री कमलनाथ व वित्त मंत्री तरुण भनोत ने अधिकारियों के साथ रविवार को अहम् बैठक की, जिसमे बजट को अंतिम रूप देने पर चर्चा हुई|
मुख्यमंत्री निवास पर रविवार शाम 6:30 बजे से एक लम्बी बैठक चली| जिसमे मुख्यमंत्री कमलनाथ, वित्त मंत्री तरुण भनोत मुख्य सचिव सुधिरंजन मोहंती, अपर मुख्य सचिव वित्त अनुराग जैन, प्रमुख सचिव वित्त मनोज गोविल और प्रमुख सचिव वाणिज्यिक कर मनु श्रीवास्तव मौजूद रहे| बैठक में वित्त मंत्री में मुख्यमंत्री को राज्य को प्राप्त होने वाले राजस्व और संभावित खर्च का ब्यौरा दिया। इस दौरान यह भी बताया गया कि किस तरह अतिरिक्त राजस्व जुटाने के कदम उठाए जा रहे हैं। इनका भार सीधे आम आदमी पर नहीं पड़ने वाला है।
बैठक के बाद वित्त मंत्री तरुण भनोट ने बताया कि मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि बजट वास्तविक होना चाहिए। हमारी सरकार अधोसंरचना विकास पर पूरा जोर देगी। खजाने को हम मैनेज भी करेंगे और किसानों का कर्ज माफ भी होगा। उन्होंने कहा 14 फाइनेंस कमीशन की रिपोर्ट के बाद केंद्र सरकार ने राज्य को मिलने राशि 32 से बढ़ाकर 42 फीसदी तो कर दी है लेकिन दूसरे हाथ से बड़ी राशि उसने वापस भी ले ली। सेस और सरचार्ज में हुई वृद्धि के पैसों को केंद्र सभी राज्यों को बराबर बांटे, हमने इसकी मांग उठाई है। हमारा यही प्रयास होगा कि केंद्र सरकार से समस्त राशि समय पर मिले।
जनता पर बोझ नहीं डालेगी सरकार
बैठक में सहमति बनी है कि बजट में ऐसा कोई कर नहीं लगाया जाएगा, जिसका प्रभाव सीधे आम आदमी पर पड़े। विभिन्न् विभागों के मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा के बाद उनकी बजट संबंधी मांगों पर विस्तृत चर्चा कर ली गई है। ऐसी योजनाएं, जो किन्हीं दूसरे विभागों में भी चल रही हैं, उन्हें एक साथ करने के साथ ही ऐसी योजनाएं जो अपना उद्देश्य पूरा कर चुकी हैं उन्हें बंद करने पर भी सैद्धांतिक सहमति बन चुकी है।
युवाओं के लिए नई योजना की हो सकती है घोषणा
संभावना है कि बजट में सरकार युवाओं के लिए नए कार्यक्रम या योजना की घोषणा कर सकते हैं। वहीं सामाजिक सुरक्षा के मद्देनजर चलाई जा रही योजनाओं को निरंतर रखने व इनके लिए जरूरी वित्तीय प्रावधान भी होंगे। खेल प्रतिभाओं को उभारने के लिए भरपूर राशि उपलब्ध कराई जाएगी। पेयजल संकट से निपटने के लिए बड़े पैमाने पर कार्यक्रम हाथ में लिए जाएंगे। इसके लिए जरूरी बजट प्रावधान पहली बार बड़े स्तर पर होंगे।