भोपाल। मध्य प्रदेश में किसान कर्जमाफी की डेडलाइन मार्च से बढ़ाकर दिसम्बर तक की जाने वाली है| 5 जनवरी को कमलनाथ सरकार ने कैबिनेट की बैठक बुलाई गई है। इस बैठक में कर्जमाफी का प्रस्ताव लाया जाएगा। खबर है कि अब किसानों की कर्ज माफी के लिए मध्यप्रदेश में डेडलाइन 12 दिसंबर 2018 होगी, जबकी पहले यह 31 मार्च तक 2018 तक थी। इसमें सहकारी, आरआरबी और राष्ट्रीयकृत बैंकों के हर किसान के दो लाख रू तक के अल्पकालीन ऋण माफ होंगे। इसके लिए बैंक लोन लेने वाले किसानों की सूची पंचायत में चस्पा की जाएगी। इसके बाद किसान अपना नाम लिखकर बैंक में ऋण माफी के लिए आवेदन देगा और कागजातों की पुष्टि करके सरकार माफ लोन कर देगी। किसानों को सुविधा देने के लिए ग्राम पंचायत स्तर पर भी आवेदन करने की सुविधा रखी गई है। पिछले दिनों मंत्रियों ने सीएम के सामने डेडलाइन बढ़ने की मांग रखी थी, जिससे किसानों को कर्जमाफी योजना का ज्यादा से ज्यादा लाभ मिल सके|
कमलनाथ सरकार कर्जमाफी के लिए तय तारीख 31 मार्च को आगे बढ़ाने का फैसला करने जा रही है। अब 12 दिसंबर 2018 तक के कर्ज को माफ किया जाएगा। हालांकि इसकी कोई अधिकारिक पुष्टी नही हुई है, लेकिन सुत्रों की माने तो कल मंत्रालय मे होने वाली कैबिनेट बैठक में इसका ऐलान किया जा सकता है। इससे प्रदेश के लाखों किसानों को फायदा मिलेगा। कैबिनेट की अगली बैठक 5 जनवरी को रखी गई है, जिसमें कर्जमाफी का प्रस्ताव लाया जाएगा। बताया जा रहा है कि मंत्रियों से सलाह मशवरा के बाद यह निर्णय लिया गया है कि मार्च की सीमा को बढ़ाकर दिसंबर तक कर दिया जाए ।
बता दे कि शपथ ग्रहण करने के तुरंत बाद कमलनाथ ने जिस पहली फाइल पर दस्तखत किए उसमें मध्य प्रदेश के किसानों का अल्पकालीन फसल ऋण दो लाख रू तक माफ करने की घोषणा की थी। इस घोषणा में ऋण माफी के लिए यह शर्त रखी गई थी कि जिन किसानों ने 31 मार्च 2018 तक ऋण लिया है, उन्हीं के ऋण माफ होंगे। लेकिन पड़ोस की राजस्थान और छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकारों ने भी ऋण माफी की घोषणा की है और इस ऋण माफी की घोषणा में कर्ज माफी के लिए नियत तिथि 30 नवंबर 2018 रखी गई है। इतना ही नहीं राजस्थान की सरकार ने तो सहकारी बैंकों के किसानों के लिए ऋण माफी की अधिकतम राशि अनलिमिटेड घोषित की है। जिसके बाद कमलनाथ सरकार भी तारीख बढ़ाने जा रही है|