भोपाल। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी 8 फरवरी को राजधानी भोपाल में बड़ी किसान रैली को संबोधित करने जा रहे हैं। जंबूरी मैदान पर इसकी तैयारियों भी शुरू हो गई है। लेकिन कांग्रेस सरकार और संगठन के सामने राहुल की सभा में भीड़ जुटाने की सबसे बड़ी चुनौती होगी। क्योंकि कांग्रेस सरकार की यह पहली बड़ी रैली होने जा रही है। इसी रैली में मुख्यमंत्री कमलनाथ की लोकप्रियता की परीक्षा भी होगी। क्योंकि पूर्व सरकार किसानों की रैली में लाखों की भीड़ जुटाने का दावा करती रही है। हालांकि भीड़ सरकारी खर्चे पर जुटाई जाती थी।
भाजपा सरकार की तरह कांग्रेस सरकार भी भीड़ जुटाने के लिए सरकारी संसाधनों का उपयोग कर रही है। सरकार के सभी मंत्रियों को भीड़ जुटाने का लक्ष्य भी दिया गया है। प्रदेश कांग्रेस एवं राज्य सरकार की ओर से अभी यह तय नहींं हुआ है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की सभा का खर्च कौन उठाएगा। वहीं सरकारी सूत्रों ने बताया कि राज्य सरकार किसान सम्मेलन करने जा रही है। जिसमें कर्जमाफी से लाभांवित किसानों को बुलाया जाएगा। इसी सम्मेलन को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी संबोधित करेंगे। हालांकि प्रदेश कांग्रेस की ओर से यह अभी स्पष्ट नहीं किया है कि राहुल गांधी की सभा का खर्च सरकार उठाएगी। इसी हफ्ते होने जा रहे किसान सम्मेलन को खास इसलिए माना जा रहा है क्योंकि इसी सम्मेलन के जरिए कांगे्रस मप्र में लोकसभा चुनाव का बिगुल बता देगी।
लोकसभा चुनाव की जमावट
कांग्रेस के इस किसान सम्मेलन को लोकसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है। क्योंकि विधानसभा चुनाव से पहले भी कांग्रेस ने 7 जून 2017 को मंदसौर में किसान सम्मेलन किया था। मंदसौर सम्मेलन में ही कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं में जान फूंकने का काम किया था। उसके बाद कांग्रेस एक के बाद एक सम्मेलन करती गई। ठीक उसी तर्ज पर कांग्रेस लोकसभा चुनाव से पहले भी किसान सम्मेलन करने जा रही है। इस सम्मेलन में राहुल गांधी कर्जमाफी को भुनाने की कोशिश करेंगे। यह किसान सम्मेलन कर्जमाफी का बखान करने के लिए बुलाया जा रहा है। जिसके जरिए कांग्रेस लोकसभा चुनाव के लिए किसानों का वोटबैंक जुटाने की तैयारी में है।