मंत्री मंडल में दिग्विजय और कमलनाथ का दबदबा, सिंधिया यहां भी पिछड़े

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भोपाल। लंबी कश्माकश के बाद आखिरकार कौन मंत्री बनेगा इन अटकलों पर मंगलवार को विराम लग गया। सीएम कमलनाथ अपने 28 मंत्रियों की टीम के साथ एमपी फतह करने निकल पड़े हैं। लेकिन एक बार फिर सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया मंत्री मंडल में अपने विधायकों को जगह दिलाने में दिग्विजय और नाथ गुट से पिछड़ गए। उनके 7 विधायक ही कैबिनेट मंत्री बनाए गए हैं। जबकि, सिंह और नाथ के कुल 21 विधायक मंत्री बने हैं। इस तरह मंत्री परिषद में एक बार फिर दिग्विज का दबदबा दिखाई देने वाला है। 

दरअसल, प्रदेश में विधानसभा चुनाव कांग्रेस ने सिंधिया को फ्रंट में रखकर लड़ा। कयास लगाए जा रहे थे कि उन्हें सीएम की कुर्सी सौंपी जा सकती है। लेकिन ऐसा हुआ नहीं। सीएम पद कमलनाथ की झोली में आया। कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के एक ट्वीट पर सिंधिया को अभी और सब्र करने के लिए इशारा दिया। वहीं, कमलनाथ को समय बताते हुए मुख्यमंत्री बनाया गया। इसके बाद कयास लगाए जा रहे थे कि सिंधिया का दबदबा कैबिनेट में जरूर रहेगा। लेकिन यहां भी कमलनाथ की पसंद ही चली। 28 में से दिग्विजय सिंह के 6 और सिंधिया के  7 समर्थक विधायकों को ही जगह मिली है। 

सिंधिया गुट :

1. लाखन सिंह यादव- भितरवार विधानसभा से लगातार चौथी बार विधायक बने। सिंधिया गुट में माने जाते हैं।

2. तुलसी सिलावट- सांवेर से चौथी बार के विधायक। मालवा का एससी चेहरा, सिंधिया गुट में माने जाते हैं।

3. गोविंद सिंह राजपूत- सुरखी से तीसरी बार के विधायक। बुंदेलखंड के युवा नेता। सिंधिया गुट में माने जाते हैं।

4. प्रभुराम चौधरी- सांची से तीसरी बार के विधायक, अनुसूचित जाति से प्रतिनिधित्व। सिंधिया समर्थक।

5. महेंद्र सिसोदिया- बमौरी से दूसरी बार विधायक। ग्वालियर क्षेत्र का क्षत्रिय चेहरा। सिंधिया समर्थक।

6. प्रद्युम्न सिंह- ग्वालियर से दूसरी बार विधायक। मंत्री जयभान सिंह पवैया को हराया। सिंधिया समर्थक।

7. इमरती देवी- डबरा से तीसरी बार विधायक। एससी का महिला चेहरा। सिंधिया गुट की मानी जाती हैं।

कमलनाथ गुट:

1. तरूण भनोट- जबलपुर पश्चिम से दूसरी बार विधायक। कमलनाथ के करीबी। ब्राह्मण चेहरा।

2. लखन घनघोरिया- जबलपुर पूर्व से दूसरी बार विधायक। कमलनाथ के करीबी। अनुसूचित जाति का प्रतिनिधित्व।

3.ओमकार मरकाम- डिंडौरी से लगातार तीसरी बार विधायक। आदिवासियों में अच्छी पकड़।

4. सुखदेव पांसे-मुलताई से तीसरी बार विधायक बने। युवा चेहरा। कमलनाथ के करीबी माने जाते हैं।

5. कमलेश्वर पटेल- सिंहावल से लगातार दूसरी बार विधायक। विंध्य से ओबीसी चेहरा।

6. सुरेंद्र सिंह बघेल- कुक्षी से दूसरी बार जीते। एसटी युवा चेहरा। पूर्व मंत्री प्रताप सिंह के पुत्र।

7. प्रदीप जायसवाल- वारासिवनी से चौथी बार विधायक। कांग्रेस से बागी होकर निर्दलीय जीते।

दिग्विजय गुट:

1. ब्रजेंद्र सिंह राठौर-पृथ्वीपुर से पांचवीं बार के विधायक। दिग्विजय गुट के माने जाते हैं। बुंदेलखंड का बड़ा चेहरा।

2. जयवद्र्धन सिंह-राधौगढ़ से लगातार दूसरी बार विधायक। दिग्विजय सिंह के पुत्र। युवा चेहरा।

3. हर्ष यादव- देवरी से दूसरी बार विधायक बने। यादव समाज का प्रतिनिधित्व।

4. पीसी शर्मा- भोपाल दक्षिण-पश्चिम से जीते। दो बार विधायक रहे। ब्राह्मण चेहरा। दिग्विजय सिंह के करीबी।

5. उमंग सिंघार- गंधवानी से तीसरी बार जीते। पूर्व उपमुख्यमंत्री जमुनादेवी के भतीजे।

6. प्रियव्रत सिंह- खिलचीपुर से दूसरी बार विधायक बने। क्षत्रिय युवा चेहरा। दिग्विजय सिंह के करीबी रिश्तेदार हैं।


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