भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने रविवार को राज्य के मुखिया का पदभार ग्रहण करने के बाद पहली बार अपने गृह क्षेत्र छिंदवाड़ा पहुंच कर कहा कि वे अपने दिल के बेहद करीब छिंदवाड़ा के लोगों का आभार प्रकट करने आए हैं। उन्होंने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश के लोग घोषणाएं सुन सुनकर थक चुके हैं। इसलिए अब मैं घोषणाएं नहीं काम करूंगा। उन्होंने कहा कि अब प्रदेश में मंच से अधिकारी विकास कार्यों की घोषणा किया करेंगे और अगर तय समय सीमा में काम पूरा नहीं होता है तो अधिकारी जवबादेह होंगे।
अपने संबोधन में सीएम कमलनाथ ने प्रदेश भर की महिलाओं को आश्वस्त किया कि उनकी सुरक्षा सरकार की प्राथमिकता रहेगी। छिदवाड़ा से किसी भी विधायक को मंत्री नहीं बनाने पर उन्होंने कहा कि यहां का हर विधायक मुख्यमंत्री और यहां का हर नागरिक विधायक है। छिदवाड़ा की जनता का आभार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि स्थानीय जनता ने उन पर जो विश्वास अभी तक किया है, उस विश्वास को बनाए रखने की ताकत ईश्वर उन्हें प्रदान करे। जन आभार रैली की सभा में सौंसर विधायक विजय चौरे, छिदवाड़ा विधायक दीपक सक्सेना और मुलताई विधायक सुखदेव पांसे ने मुख्यमंत्री को अपने निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ने का आमंत्रण दिया। मुख्यमंत्री की जन आभार रैली में छिंदवाड़ा जिले सहित आसपास के कांग्रेस कार्यकर्ता सैकड़ों की संख्या में पहुंचे।
इस काम की शुरूआत भी मुख्यमंत्री कमलनाथ ने उनके संसदीय क्षेत्र छिंदवाड़ा से करवाई। कलेक्टर ने मंच से सीएम की मौजूदगी में 200 करोड़ से ज्यादा की विकासकार्यों की घोषणा की। इस दौरान छिंदवाड़ा के लिए कृषि महाविधालय खोले जाने का भी ऐलान कलेक्टर ने किया। उन्होंने विकासकार्यों की घोषणा करते हुए कहा कि एक मार्च 2019 से प्रतिदिन शहर में पानी की सप्लाई की जाएगी। वन विभाग के माध्यम से छिंदवाड़ा जिले के 1100 युवाओं को रोजगार संबंधित प्रशिक्षण दिया जाएगा। छिंदवाड़ा में सड़क चोड़ीकरण 8 किमी का काम किया जाएगा। मुख्यमंत्री आश्रय योजना के तहत 1223 हितग्राहियों को पट्टा प्रदान कर दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने संबोधन के दौरान कहा कि मैं 40 साल पहले नौजवान आप का विश्वास मांगने आया थे और आपने अपना विश्वास दिया। मैं संसद में जब बैठता हुं तब दूसरे सांसदों को देखता हूं वो सिर्फ वोट ले कर आये है मैं आप का स्नेह लेकर वहां पहुँचा हूं। नए नोजवानों ने वो छिन्दवाड़ा नहीं देखा है। माताओं और बहनों ने पुराना छिन्दवाड़ा देखा है जब एक रेल तक यहां नहीं आया करती थी। छिंदवाड़ा में कभी बड़ी रेल लाइन नहीं थी। न ही हाइवे थे। आज हमारे सामने बहुत चुनौतियां हैं। इनमें सबसे बड़ी चुनौति है नौजवान। जिन्हों रोजगार की तलब है। घोषणाओं से काम नहीं बनेगा। हमें अपनी सोच में परिवर्तन लाना होगा।