भोपाल। मंगलवार को हुए शपथ ग्रहण समारोह के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मंत्रियों के साथ पहली बैठक प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में की। सीएम नाथ की टीम में युवा जोश और अनुभव का बेजोड़ तालमेल देखने को मिला है। कैबिनेट मंत्रियोंं में 28 विधायकों को शामिल किया गया है। इनमें लगभग हर वर्ग और उम्र के नेता शामिल हैं। नौ मंत्री तो 60 पार हैं तो वहीं सबसे युवा खिलाड़ी हैं पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्धन सिंह। वह दूसरी बार विधायक चुने गए हैं और पहली बार मंत्री के तौर पर अपनी पारी शुरू कर रहे हैं।
9 मंत्रियों की उम्र 60 से ज्यादा : कमलनाथ कैबिनेट की औसत आयु 53 साल है। दो मंत्री जयवर्धन और सचिन यादव (36) चालीस साल से कम उम्र के हैं। कमलनाथ समेत 9 मंत्री ऐसे जिनकी उम्र 60 साल से ज्यादा है। इनमें आरिफ अकील, ब्रजेंद्र सिंह राठौर, प्रभुराम चौधरी, गोविंद सिंह, हुकुम सिंह कराड़ा, पीसी शर्मा, सज्जन सिंह वर्मा, तुलसी सिलावट शामिल हैं। मालवा-निमाड़ से सबसे ज्यादा 9 मंत्रियों ने शपथ ली है। वहीं, ग्वालियर-चंबल क्षेत्र से पांच, महाकौशल से चार, बुंदेलखंड से तीन, मध्य से छह और विंध्य से एक विधायक मंत्री बनाए गए हैं। सूत्रों के मुताबिक सिंधिया गुट के 7 लोगों को मंत्रिमंडल में जगह मिली है, वहीं कमलनाथ और दिग्विजय खेमे के 21 विधायक मंत्री बनने में कामयाब रहे हैं। दिग्विजय सिंह के पुत्र जयवर्धन सिंह को भी मंत्री बनाया गया है।
कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के मद्देनजर कैबिनेट में मंत्रियों का चयन किया है। राजधानी भोपाल और जबलपुर से दो मंत्रियों को शामिल किया गया है। वहीं, बुंदेलखंड का प्रतिनिधित्व करने के लिए बीजेपी की तरह कांग्रेस ने भी तीन मंत्रियों को शामिल किया है। वहीं, विंध्य में सबसे कम सीट पाने के बाद भी सीधी जिले के सिहावल विधानसभा से कमलेश्वर पटेल को मंत्री बनाया गया है। जिससे वहां की जनता में यह संदेश जा सके कि कांग्रेस ने कम सीट मिलने के बाद भी विंध्य की उपेक्षा नहीं की।