भोपाल| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पकौड़ा तलने को भी रोजगार से जोड़ने वाले बयान का देश भर में विरोध करने वाली कांग्रेस भी उसी राह पर है| युवाओं को रोजगार की गारंटी देने के वादे को पूरा करने मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने युवा स्वाभिमान योजना की शुरुआत की है| जिसमे सरकार पशुओं को हांकने की भी ट्रेनिंग देगी| इसके लिए युवा स्वाभिमान योजना में प्रावधान रखा गया है। इस योजना में सरकार युवाओं को सिखएगी कि कैसे पशु हांकें और चराए जाते हैं। बदले में 4 हजार रुपए प्रतिमाह स्टाइपेंड भी मिलेगा। इसके अलावा सरकार शादी में बैंड बाजा बजाने की भी ट्रेंनिंग देगी| एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने स्वयं बैंड बाजा बजाने की ट्रेनिंग देने सम्बन्धी बात कही है|
एक कार्यक्रम में पहुंचे मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मीडिया से कहा निवेश में नया उत्साह उत्पन्न हो उसके लिए सरकार को भी प्रयास करना होगा, छिंदवाड़ा में मेरा प्रयास है कि बैंड ट्रेनिंग स्कूल हो उसका मैं प्रयास कर रहा हूँ| उन्होंने कहा हमारे यहां इतनी सारी शादियां है फंक्शन है जहां बैंड बाजा होता है तो लोगो को उसमे उत्साह है, मैं चाहता हूं कि देश भर में जो बैंड में भाग लेते है वो मध्यप्रदेश के हों| इस कार्यक्रम में उन्होंने पर्यटन को लेकर कहा मध्यप्रदेश में पर्यटन के बहुत ज्यादा अवसर है। मैं चाहता हूं कि पर्यटन में मध्यप्रदेश देश का एक बहुत बड़ा केंद्र बने।
प्रदेश में रोजगार के लिए सीएम कमलनाथ की नई परिकल्पना है कि स्किल डेवेलपमेंट में बैंड बाजा भी शामिल हो| छिंदवाड़ा में प्रदेश का पहला बैंड बाजा स्कूल खुलेगा| सीएम ने इसके संकेत दे दिए हैं| वहीं सरकार की योजना पर सवाल भी खड़े हो रहे हैं| युवा स्वाभिमान योजना में सरकार बेरोजगारों को प्रशिक्षण देकर हर माह चार हजार रुपए प्रतिमाह स्टाइपेंड देगी| इस योजना में फोटोग्राफर, बेल्डर, वीडियो ग्राफर इलेक्ट्रीशियन, मैकेनिक, बढ़ई जैसे कार्यों की ट्रेनिंग जहां दी जायेगी, वहीं पशु हांकने के लिए भी बेरोजगार युवाओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा| मध्य प्रदेश में अब पढ़े लिखे लोग जल्द ही आपको पशु हांकते और बैंड बजाते नज़र आ सकते हैं| वहीं सरकार के इस कदम का मजाक बन रहा है लेकिन अब इससे भी अजीबोगरीब हालात ये है कि पशुओं को हांकने के लिए अकेले भोपाल में 12 और इंदौर शहर में 3 पदों के लिए युवा स्वाभिमान योजना के पोर्टल पर आवेदन कर चुके हैं| इस बात का भी आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि बेरोजगारों की परिस्थितियां उन्हें क्या-क्या करने को मजबूर कर रही हैं और क्यों कर रहीं हैं| भाजपा ने इसे बेरोजगारों के साथ मजाक बताया है|