भोपाल।
कोरोना महामारी की त्रासदी किसी से छिपी नहीं है। प्रदेश के नागरिकों को इस संक्रमण से बचाने के लिए समूची कांग्रेस पार्टी दृढ़ता से सरकार के साथ खड़ी है। मध्यप्रदेश का गौरवशाली इतिहास इस बात का साक्षी है कि प्रतिकूल परिस्थितियों में हम सब लोग दल की सीमाओं से ऊपर उठकर प्रदेश के हित में काम करते हैं। यह कहना है पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का। शनिवार को पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर योजना के दायरे में आने वाले लोगों के छह माह की बिजली बिल माफ किए जाने की मांग की है। वहीं उन्होंने ग्रामीण इलाके के 14% आबादी से 6 महीने का पानी का बिल भी माफ किए जाने की मांग की है।
दरअसल शनिवार को लिखे अपने पत्र में पूर्व मुख्यमंत्री नाथ ने कहा कि प्रदेश की जनता जो इस महामारी के वक्त में लॉक डाउन की वजह से आर्थिक बदहाली के कगार पर आ गए हैं। उनके लिए जरूरी है कि मध्यप्रदेश में घरेलू बिजली के उपभोक्ताओं में से जो इंदिरा गृह ज्योति योजना के दायरे में आते हैं उनके आगामी छह माह के बिजली के बिल माफ किए जाए। वहीं मध्य प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में जहां 14% आबादी को नलों के माध्यम से पानी पहुंचाया जा रहा है। उनसे पानी के बिल लिए जा रहे हैं। आर्थिक संकट से जूझ रहे लोगों के लिए बिल अदायगी करना संभव नहीं है। इसलिए ऐसे लोगों के आगामी 6 माह के लिए पानी के बिल को माफ किया जाए। वहीं शहरी क्षेत्र जहां मध्य प्रदेश की लगभग 28% आबादी निवास करती है। वहा 16 नगर पालिका निगम, 98 नगरपालिका तथा 264 नगर परिषदों के माध्यम से पानी के बिल लिए जा रहे हैं। वहां भी आगामी छह माह तक के लिए पानी के बिल माफ किए जाने चाहिए। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि मैं आपका ध्यान इस महामारी से प्रभावित दुष्प्रभाव की ओर आकर्षित करता हूं। प्रदेश में 80 लाख परिवार गरीबी रेखा से नीचे हैं। इन बिल की माफी से उनका काफी आर्थिक बोझ कम हो जाएगा।
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से कहा है कि आपको ज्ञात है कि इन पानी और बिजली के बिल की माफी से प्रदेश सरकार पर कोई बहुत बड़ा आर्थिक बोझ नहीं पड़ेगा। वही नागरिकों के लिए यह निर्णय में बहुत बड़ी राहत होगी। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने उम्मीद जताई है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ईश्वर जल्दी कोई सकारात्मक निर्णय लेंगे।