भोपाल।
मध्यप्रदेश में कोरोना से बढ़ते संक्रमण के बीच शिवराज सरकार 1 जुलाई से किल कोरोना अभियान की शुरुआत करने जा रही है। हालांकि पूरे प्रदेश भर में यह अभियान 1 जुलाई से शुरू किया जाएगा किंतु राजधानी भोपाल में इस अभियान की शुरुआत आज शनिवार 27 जून से ही हो रही है। इस अभियान में राज्य शासन के कर्मचारी लोगों के घर घर जाकर उनसे सवाल पूछेंगे और साथ ही कोरोना संबंधित लक्षणों का पता लगाएंगे। वही बीमारी के लक्षण के आधार पर मौके पर कर्मचारी लोगों का रैपिड टेस्ट करेंगे। रैपिड टेस्ट की रिजल्ट पॉजिटिव आने के साथ ही सैंपल जांच में भेजे जाएंगे। इसके लिए प्रदेश भर में करीब 23000 से ज्यादा टीमों को प्रशिक्षण देने के साथ तैयार किया गया है।
दरअसल राजधानी में कुल 800 टीमें रोजाना करीब 198000 लोगों का सर्वे करेगी। इसके लिए टीमों को टारगेट दिए जाएंगे। यह टीम लोगों के घर-घर जाकर उनसे जानकारी इकट्ठा करेगी। इसी के साथ 22000 टीम हर दिन करीब 500000 से ज्यादा लोगों की स्क्रीनिंग करेगी। मरीजों में करुणा के संदिग्ध इलेक्शन देखने पर उनका तुरंत रैपिड टेस्ट किया जाएगा। जहां मरीजों में डेंगू मलेरिया के लक्षण मिलने पर उसकी जानकारी नोडल सेंटर कोरोना से संदिग्ध मरीज मिलने पर उसकी जानकारी नोडल अधिकारी और बुखार तथा अन्य लक्षण मिलने पर फीवर क्लीनिक रेफर किया जाएगा।
बता दे कि इस अभियान से जुड़े लोगों को राज्य शासन द्वारा विशेष किट दी जाएगी। इसके साथ ही टीम को बायोमेडिकल वेस्ट बैंक दिया जाएगा। ताकि जितने भी मेडिकल पदार्थ हो वह इधर उधर ना फेके जाए। जिसे संक्रमण का खतरा बढ़े।इससे पहले स्वास्थ्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने पूर्व में ही घोषणा की है की प्रदेश में एक जुलाई से किल कोरोना अभियान चलाया जाएगा। भोपाल से अभियान की शुरुआत की जाएगी। प्रदेश के सभी जिलों में वायरस नियंत्रण और स्वास्थ्य जागरूकता के इस महत्वपूर्ण अभियान में सरकार और समाज साथ-साथ कार्य करेंगे। किल कोरोना अभियान प्रत्येक परिवार को कवर करेगा। इसके लिए दल गठित किए जा रहे हैं। कोविड मित्र भी बनाये जायेंगे, जो स्वैच्छिक रूप से इस अभियान के लिये कार्य करेंगे। उन्होंने बताया कुल दस हजार दल कार्य करेंगे। सर्वे दल अनुमानित दस लाख घरों में रोज जाएंगे। एक दल करीब 100 घरों तक पहुंचेगा। राज्य की शत-प्रतिशत आबादी को इस सर्वे से कवर किया जाएगा।