भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। एक तरफ जहाँ देश में महिला सशक्तिकरण (women empowerment) की बात चल रही है। वहीं दूसरी तरफ मध्य प्रदेश (MP) इसे क्रियान्वित करने की दिशा में आगे बढ़ चुका है। मध्य प्रदेश श्रम विभाग (MP Labor department) द्वारा एक प्रस्ताव (proposal) तैयार किया गया है। जिसमें अब महिला कर्मचारियों (MP Employees) को 24 घंटे काम करने के अधिकार उपलब्ध कराए जाएंगे। हालांकि इस प्रस्ताव पर अभी मुख्य रूप से चर्चाएं बाकी है। जानकारी की मांगे तो मध्य प्रदेश के आज IT और फैक्ट्री में महिला कर्मचारियों को रात में काम करने की अनुमति नहीं है।
नाइट शिफ्ट (night shift) में काम करने मैं महिलाओं को प्रतिबंध पर अब प्रदेश सरकार कुछ बड़ा फैसला ले सकती है। जिसके बाद उन्हें 24 घंटे काम करने के अधिकार उपलब्ध कराए जा सकते हैं। इसलिए मध्य प्रदेश श्रम विभाग द्वारा तैयार किया गया है। इसके मुताबिक ऐसी फैक्ट्रियां जहां रात में भी नाइट शिफ्ट में काम होती है। वहां महिला कर्मचारी को रात में काम पर बुलाने के कानून में बदलाव किया जा सकता है।
श्रम विभाग द्वारा इंदौर सहित पूरे मध्यप्रदेश में नाइट शिफ्ट में काम करने वाली महिलाओं के नियम में संशोधन का प्रस्ताव तैयार किया गया। जिसे प्रमुख सचिव के पास भेज दिया गया है। हालांकि शासकीय दृष्टि से भी इसमें किसी भी तरह की विरोध नहीं देखे जा रहे हैं। इसके बाद अनुमान लगाया जा रहा है कि जल्द ही इस मामले में ऑफिशल नोटिफिकेशन जारी किए जा सकते हैं।
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जानकारी के मुताबिक अभी मध्य प्रदेश में महिलाओं के नाइट शिफ्ट करने की बनाई है। वहीं प्रदेश के ऐसे कारखाने और आईटी सेक्टर जहां नाइट शिफ्ट का संचालन है। वहां महिलाओं को रात 10:00 से सुबह 6:00 बजे तक काम करने की मंजूरी दी गई थी। अभी इसे अन्य संस्थानों में भी लागू किया जा सकता है। जिसका फायदा सीधे तौर पर महिला कर्मचारियों को होगा। इसके साथ ही साथ महिला सशक्तिकरण की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।
हालांकि इस प्रस्ताव को तैयार करने में श्रम विभाग द्वारा महिलाओं की सुरक्षा का भी ध्यान रखा गया है। इस मामले में श्रम विभाग के आयुक्त बीएस रावत का कहना है कि प्रस्ताव तैयार किया गया है। जल्द नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा। महिलाओं की सुरक्षा और उनके समय से ज्यादा ओवरटाइम पर भी नियम और नीति तय किए गए हैं। अभी तक महिलाओं को अधिकार मिले हैं, उसमें सिर्फ IT सेक्टर और चुनिंदा कारखाने में ही महिलाओं की रात की ड्यूटी लगाई जाती है लेकिन संशोधित प्रस्ताव में ऐसे बंधन से महिलाओं को मुक्त किया जाएगा।
बता दें कि साल 2021 में केरल हाईकोर्ट में महिलाओं के काम करने के संबंध में याचिका दायर की गई थी। जिस पर ऐतिहासिक फैसला लिया गया। केरल हाई कोर्ट द्वारा कहा गया था कि अन्य राज्यों में भी इस तरह के प्रावधान है। इसलिए महिलाओं को रात में नाइट ड्यूटी करने का अधिकार है। इस मामले में हाईकोर्ट द्वारा अपने फैसले में कहा गया था कि किसी भी योग्य उम्मीदवार को सिर्फ इस आधार पर नियुक्त करने से मना कर देना क्योंकि वह एक महिला है, उचित नहीं है बल्कि महिला होने के साथ ही साथ उसकी नौकरी के लिए उसे सुरक्षित सुरक्षात्मक प्रावधान किए जाने के साथ ही उसे अधिकार भी उपलब्ध कराया जाए।