भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश में 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा (MP Board Exam) अप्रैल से शुरू होगी, लेकिन इसके पहले माध्यमिक शिक्षा मंडल (Board of Secondary Education) द्वारा जारी एक आदेश विवादों में घिर गया है।इसमें लिखा गया है कि 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा (10th-12th Board Exam) के छात्रों (Student) को अगर फॉर्म भरने में देरी होती है, तो पेनल्टी के तौर पर उन्हें 10 हजार रुपये देने होंगे।
दरअसल, इस बार कोरोना के चलते एमपी बोर्ड द्वारा 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं 30 अप्रैल से शुरू होने जा रही है। इसके लिए फॉर्म भरे जा रहे हैं, जिसकी फीस 1000 रुपये हैं, लेकिन एमपीबीएसई (MPBSE) द्वारा जारी आदेश के अनुसार, अगर फीस भरने में देरी हुई तो लेट फीस देनी होगी। आदेश में लिखा गया है कि अगर 10वीं और 12वीं परीक्षा का फॉर्म भरने में देरी होती है, तो 20 फरवरी तक परीक्षा फॉर्म भरने वालों से 2 हजार रुपए, 10 मार्च तक परीक्षा फॉर्म भरने वालों से 5 हजार और 29 मार्च तक फॉर्म भरने वालों को 10 हजार रुपय लेट फीस ली जाएगी।
हैरानी की बात तो ये है कि पिछले साल तक अधिकतम लेट फीस 5000 रुपये ली जाती थी, लेकिन अब मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल (Madhya Pradesh Board of Secondary Education) द्वारा सीधे 5000 हजार की बढ़ोत्तरी कर दी गई है, जिसका छात्रों और अभिभावकों द्वारा विरोध किया जा रहा है।वही मंडल के अधिकारी इसे स्कूल शिक्षा विभाग (school education department) का निर्णय बताकर बच रहे है।
इस पर अधिकारियों द्वारा तर्क दिया गया है कि पहले 10वीं और 12वीं के विद्यार्थियों को 31 दिसंबर तक ही परीक्षा फीस भरने का अवसर मिलता था, ऐसे में कई छात्र समय पर फीस न भरने के कारण परीक्षा में शामिल नहीं हो पाते थे। इस साल परीक्षा से एक महीने पहले तक लेट फीस भरने का अवसर दिया है, यही कारण है लेट फीस (Late Fees) 10 हजार रुपये की गई है।