भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मप्र राज्यसभा चुनाव के लिए बीजेपी उम्मीदवार (MP BJP) के नाम का ऐलान होते ही पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने बड़ी घोषणा कर सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है। उमा भारती ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि 15 जनवरी 2022 तक पूरे मप्र में शराबबंदी करवा कर रहूंगी। यदि फिर भी लोग नहीं माने तो सड़क पर उतर जाऊंगी।उनके इस बयान से जहां बीजेपी में हलचल तेज हो गई है, वही विपक्ष ने समर्थन किया है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के भाई और कांग्रेस विधायक लक्ष्मण सिंह ने कहा है कि मैं लट्ठ लेकर आपके साथ चलने को तैयार हूं ।
कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी, 22500 रुपए बढे़गा वेतन, सैलरी में आएगा बंपर उछाल
हमेशा अपने बयानों से सु्र्खियों में रहने वाले कांग्रेस विधायक लक्ष्मण सिंह (Congress MLA) ने ट्वीट कर लिखा है कि “शराबबंदी”पर राजनीति फिर शुरू हो गई है,लोगों का असफलताओं से ध्यान हटाने वाली!अच्छा होगा अगर नेतागण भू माफिया के विरुद्ध मोर्चा खोलें। मैं लट्ठ लेकर आपके साथ चलने को तैयार हूं और लाखों गरीब भी साथ हो जायेंगे।क्या आप तैयार हैं? यह पहला मौका नहीं है जब कांग्रेस विधायक ने बीजेपी को सपोर्ट किया हो, इसके पहले भी वे कई बार भाजपा नेताओं और सरकार के फैसलों का खुलकर समर्थन कर चुके है।
दरअसल, शनिवार को मीडिया से चर्चा के दौरान उमा भारती (UMA Bharti) ने कहा कि शिवराजजी और वीडी शर्माजी का मानना है कि जागरूकता अभियान से शराबबंदी की जा सकती है। मेरा माना है कि यह बिना लट्ठ के नहीं होगा। मैं 15 जनवरी तक लोकतंत्र का पालन करूंगी। शराबबंदी के लिए जागरूकता अभियान से काम चलाऊंगी। यदि फिर भी लोग नहीं माने तो सड़क पर उतर जाऊंगी।मैं अभी गंगाजी को गंगा सागर छोड़कर आऊंगी, तब तक मध्य प्रदेश में जागरुकता अभियान चलेगा। मध्य प्रदेश में 15 जनवरी 2022 के बाद शराब बंदी लागू होकर रहेगी, यही गंगा सागर से तय करके आऊंगी।
बता दे कि लंबे समय से मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती शराबबंदी के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद किए हुए है। इसके लिए बीते दिनों उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) को पत्र भी लिखा था और 8 मार्च महिला दिवस (Women’s Day) के मौके से शराबबंदी के लिए अभियान चलाने की बात भी कहीं थी, इस पर विपक्ष भी उमा के समर्थन में उतर आया था, लेकिन बाद में यू टर्न ले लिया। अब मप्र राज्यसभा चुनावों (MP Rajya Sabha elections) और उपचुनावों की हलचल के बीच एक बार फिर उमा ने शराबबंदी का मोर्चा खोल चर्चाओं का बाजार गर्म कर दिया है।