पर्वों से सीखिए जीवन का प्रबंधन- प्रवीण कक्कड़

भोपाल, प्रवीण कक्कड़। हम सभी ने सुना है कि भारतीय संस्कृति (Indian culture) सबसे प्राचीन संमृद्ध और वैज्ञानिक है। हम संस्कृति के अनुसार पर्व (festivals), परंपराएं और पूजन का विधान भी पूरा करते हैं लेकिन इसके पीछे के वैज्ञानिक पहलुओं (scientific aspects) को नहीं समझ पाते जबकि इन्हीं पहलुओं से हम जीवन का प्रबंधन (management) सीख सकते हैं। मौजूदा स्थिति में हम मकर संक्रांति (Makar Sankranti) मना रहे हैं, सूर्यदेव की आराधना, तिल-गुड़ खाने और पतंग उड़ाने के उत्साह के साथ संक्रांति हमें कई संदेश भी देती है तो चलिए आज इनके बारें में चर्चा करते हैं।

हर भारतीय त्यौहार का एक वैज्ञानिक महत्व है, हमारा हर पर्व रहन-सहन, खान-पान, फसलों व प्रकृति के परिवर्तनों पर आधारित है। हमारे पर्वों में जहां पौराणिक कथाओं का उल्लेख मिलता है, वहीं खगोलीय घटना, धरती के वातावरण, मनुष्य के मनोविज्ञान व सामाजिक कर्तव्यों की सीख भी परिलक्षित होती है। ग्रेगेरियन कैलेंडर के अनुसार देखें तो मकर संक्रांति वर्ष का पहला पर्व है। सूर्य को ब्रह्मांड की आत्मा माना जाता है।

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Kashish Trivedi

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