Thu, Dec 25, 2025

भोपाल में ‘जलवायु परिवर्तन के लिए वैश्विक प्रयास: भारत की प्रतिबद्धता में राज्यों का योगदान’ विषय पर सम्मेलन, सीएम मोहन यादव ने कहा ‘प्रगति और प्रकृति में सामंजस्य रहे’

Written by:Shruty Kushwaha
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मुख्यमंत्री ने कहा कि पीएम मोदी के पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों में मध्यप्रदेश भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है, जो आगे भी अनवरत जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति और परंपरा में पर्यावरण संरक्षण और संतुलन का संदेश मिलता है।भारतीय सनातन धार्मिक व्यवहार भी हमें प्रकृति और जलवायु को संरक्षित रखने की प्रेरणा देता है। लेकिन आज के दौर में जिस तरह से जलवायु में परिवर्तन हो रहा है, उसे लेकर हम सब चिंतित है और इसे सुरक्षित रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
भोपाल में ‘जलवायु परिवर्तन के लिए वैश्विक प्रयास: भारत की प्रतिबद्धता में राज्यों का योगदान’ विषय पर सम्मेलन, सीएम मोहन यादव ने कहा ‘प्रगति और प्रकृति में सामंजस्य रहे’

Climate Change Discussion: Global Efforts; State Contributions : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज भोपाल स्थित कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में “जलवायु परिवर्तन के लिए वैश्विक प्रयास: भारत की प्रतिबद्धता में राज्यों का योगदान” विषय पर आयोजित सम्मेलन का शुभारंभ किया। इस सम्मेलन में 200 से अधिक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय क्लाइमेट लीडर्स, पर्यावरण विशेषज्ञ और प्रतिनिधि एकत्रित हुए हैं, जिनका उद्देश्य जलवायु परिवर्तन के विभिन्न पहलुओं पर विचार-विमर्श करना और समाधान के नए मार्गों की खोज करना है।

यह सम्मेलन भारत के जलवायु संकट से निपटने के वैश्विक प्रयासों में राज्यों की भूमिका को रेखांकित करता है। देश के पहले राज्य-स्तरीय Pre-CoP जलवायु परामर्श में 200 से अधिक राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय क्लाइमेट लीडर्स, पर्यावरण विशेषज्ञ और प्रतिनिधि जलवायु परिवर्तन से संबंधित विषयों पर विमर्श कर रहे हैं। विशेषज्ञों और प्रतिनिधियों के विचार-विमर्श का उद्देश्य नवीनतम तकनीकी नवाचारों, नीति सुधारों और सामुदायिक प्रयासों के माध्यम से राज्य स्तर पर जलवायु अनुकूल उपायों को बढ़ावा देना है।

‘जलवायु परिवर्तन के लिए वैश्विक प्रयास: भारत की प्रतिबद्धता में राज्यों का योगदान’

यह देश का पहला राज्य-स्तरीय Pre-CoP जलवायु परामर्श सम्मेलन है, जो जलवायु संकट से निपटने के लिए व्यापक रणनीतियों पर केंद्रित है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य जलवायु परिवर्तन के क्षेत्र में कार्यरत प्रमुख नेताओं और विशेषज्ञों को एक साझा मंच प्रदान करना है, जहाँ वे अपने विचार और अनुभव साझा कर सकें। यह परामर्श अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान (AIGGPA) के नेतृत्व में आयोजित किया जा रहा है, जिसमें मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (MPCOST), नर्मदा समग्र, पब्लिक एडवोकेसी इनिशिएटिव फॉर राइट्स एंड वैल्यूज़ इन इंडिया (PAIRVI), और कम्युनिटी इकोनॉमिक्स एंड डेवलपमेंट कंसल्टेंट्स सोसाइटी (CECEODECON) का सहयोग शामिल है।

‘प्रधानमंत्री के प्रयासों में मध्यप्रदेश की भागीदारी’

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अपने उद्बोधन में में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश, भारत की पर्यावरणीय प्रतिबद्धता में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा, “हमारी संस्कृति और परंपराओं में पर्यावरण संतुलन और संरक्षण की शिक्षा शामिल है। भारतीय सनातन परंपराएँ हमें प्रकृति और जलवायु को संजोने की प्रेरणा देती हैं। हमारी जीवनशैली, भोजन, और आचार-विचार में भी इसका प्रतिबिंब है।” उन्होंने आगे कहा कि मध्यप्रदेश इस संदेश को आधुनिक युग में भी आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।

‘प्रकृति और प्रगति का सामंजस्य’

मुख्यमंत्री ने मध्यप्रदेश की समृद्ध प्राकृतिक विरासत का उल्लेख करते हुए कहा कि राज्य का उद्देश्य “प्रकृति के साथ प्रगति” को संतुलित करना है। उदाहरण देते हुए उन्होंने भोपाल के पास स्थित रातापानी वन क्षेत्र का जिक्र किया, जहां एक ही जगह पर दिन में इंसान और रात में बाघ विचरण करते हैं। उन्होंने बताया, “हम ‘जियो और जीने दो’ के सिद्धांत में विश्वास करते हैं। हमारे प्रयास प्रकृति और जैव विविधता को संरक्षित करने की दिशा में कदम दर कदम बढ़ते रहते हैं।”

नदियों का मायका: मध्यप्रदेश की नदियों का संरक्षण

मध्यप्रदेश को नदियों का मायका बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में नर्मदा जैसी पवित्र और जीवनदायिनी नदियाँ बहती हैं। उन्होंने नदियों के इकोसिस्टम को बनाए रखने के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता व्यक्त की। मुख्यमंत्री ने नर्मदा और अन्य नदियों के संरक्षण के लिए इकोसिस्टम आधारित पहल की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा, “हम नदियों के पारिस्थितिकी तंत्र को सुरक्षित और संरक्षित रखने की दिशा में ठोस कदम उठा रहे हैं।”