ग्वालियर, डेस्क रिपोर्ट
पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा के राज्य सभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) आज एक बार फिर मध्यप्रदेश (MadhyPradesh) के दौरे पर रहेंगे। लेकिन इस बार भी ग्वालियर (Gwalior) के लोगों को निराश हो होना पड़ेगा इस बार वे उज्जैन और इंदौर (Ujjain-Indore) के दौरे पर आ रहे हैं। इस दौरे में वे भाजपा के दिग्गज नेता कैलाश विजयवर्गीय “भाई” (Kailash Vijayvargiya) और उनकी टीम एवं पूर्व लोकसभा सदस्य सुमित्रा महाजन “ताई” (Sumitra Mahajan) से मुलाकात करेंगे। इसके अलावा प्रदेश की पर्यटन मंत्री ऊषा ठाकुर (Tourism Minister Usha Thakur) से भी मिलेंगे।
भाजपा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया का इंतजार ग्वालियर चंबल संभाग के उनके समर्थकों को लंबे समय से है। उपचुनावों की दृष्टि से भी सिंधिया का ग्वालियर चंबल दौरा बहुप्रतीक्षित है लेकिन सिंधिया ग्वालियर से लगातार दूरी बनाये हुए हैं इसे लेकर अब तरह तरह के कयास लगना शुरू हो गए हैं। पिछले दिनों वे भोपाल दौरे पर आये थे उसके बाद वे एक बार फिर मध्यप्रदेश आ रहे हैं लेकिन ग्वालियर ना आते हुए वे उज्जैन और इंदौर के दौरे पर रहेंगे।
निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार, सिंधिया 17 अगस्त को सुबह 11: 40 बजे दिल्ली से उड़ान भरकर दोपहर 1: 05 बजे इंदौर पहुंचेंगे। यहां से वे सीधे महू से भाजपा विधायक और मप्र सरकार की पर्यटन मंत्री ऊषा ठाकुर के घर जाकर उनसे मुलाकात करेंगे। इसके बाद वे सड़क मार्ग से उज्जैन जाएंगे। उज्जैन में वे भाजपा सांसद अनिल फिरोजिया से उनके घर जाकर मिलेंगे। इसके बाद वे मप्र सरकार के मंत्री मोहन यादव के घर भी जाएंगे। अपने उज्जैन प्रवास के दौरान सिंधिया भाजपा नेता पारस जैन और शिवा कोटवाणी से मिलने उनके घर जाएंगे। इसी दिन शाम को रामघाट पर महाकाल की शाही सवारी का पूजन कर वे इंदौर लौटेंगे।
भाई और ताई से मुलाकात पर रहेगी सबकी नजर
ज्योतिरादित्य सिंधिया इंदौर में भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय “भाई” से नंदा नगर स्थित उनके निवास पर मुलाकात करेंगे। वे इंदौर-2 से विधायक रमेश मेंदोला से भी मिलेंगे इसके अलावा सिंधिया पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन “ताई” के घर जाकर मुलाकात करेंगे। सिंधिया इंदौर के वर्तमान सांसद शंकर लालवानी से उनके घर पर जाकर मिलेंगे। रात को होटल मैरियट में रुकने के बाद कल दिन 18 अगस्त सुबह दिल्ली लौट जाएंगे।
सिंधिया का 17 अगस्त का इंदौर-उज्जैन दौरा मध्य प्रदेश में 27 सीटाें पर होने वाले उपचुनाव को देखते हुए महत्वपूर्ण माना जा रहा है। लेकिन इसके साथ ही यह सवाल अब जोर शोर से उठने लगा है कि सिंधिया ने जबसे कांग्रेस छोड़ी है और भाजपा में आये हैं उसके बाद से अब तक 6 महीने से अधिक का समय हो गया वे अब तक अपने गृहनगर ग्वालियर नहीं आये, आखिर उन्होंने अपने अंचल के लोगों से किनारा क्यों कर रखा है ? जबकि 27 में सर्वाधिक 16 सीटों पर उप चुनाव ग्वालियर चंबल अंचल में ही होने हैं। ग्वालियर के सिंधिया समर्थक लम्बे समय से उनके यहां आने का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन उनका इंतजार खत्म ही नहीं हो रहा। सिंधिया खेमे से जुड़े नेताओं का कहना है कि हजारों की संख्या में कांग्रेस के भीतर बैठे उनके समर्थकों को इस बात का इन्तजार है की जब “महाराज”ग्वालियर आएंगे तब वे उनके सामने भाजपा की सदस्यता ग्रहण करेंगे। लेकिन अब इनके सब्र का बांध टूटता दिखाई दे रहा है।
क्या सिंधिया के ना आने के पीछे भाजपा नेताओं का दबाव
ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में शामिल होने के बाद उनके बहुत से समर्थक भी भाजपा में आ गए हैं वर्तमान में जिले में तीन मंत्री हैं इनमें से दो सिंधिया समर्थक है यानि कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आये हैं और दोनों कैबिनेट मंत्री हैं जबकि जिले में जीतकर आये एक मात्र भाजपा विधायक राज्य मंत्री हैं। सिंधिया और उनके समर्थकों के आने के बाद से बहुत से भाजपा नेता और कार्यकर्ता दबी जुबान से ये कह रहे हैं कि पार्टी में अब उनकी पूछ परख कम हो गई है। भाजपा से जुड़े सूत्र बताते हैं कि ऐसे ही उपेक्षित महसूस कर रहे भाजपा के नेता नहीं चाहते कि सिंधिया अभी ग्वालियर आयें। और वे इस बात के लिए लगातार पार्टी नेतृत्व पर अपना दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि इस बात में कितनी सच्चाई है ये पार्टी नेतृत्व ही जानता होगा लेकिन सिंधिया का ग्वालियर चंबल संभाग से दूरी बनाना राजनैतिक गलियारों में चर्चा का विषय जरूर बना हुआ है।