कोरोना संकटकाल में राज्य शासन का बड़ा फैसला, अधिकारी-कर्मचारियों की लगाई ड्यूटी

Pooja Khodani
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में तेजी से बढ़ते कोरोना (Coronavirus) के आंकड़ों को देखते हुए राज्य शासन (MP Government) ने सरकारी अधिकारी और कर्मचारियों को लेकर बड़ा फैसला लिया है।राज्य शासन ने कोविड नियंत्रण में सामाजिक न्याय विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की ड्यूटी लगा दी है। यह अधिकारी-कर्मचारी (Government Officers-Employees) अस्पतालों में बिस्तर और दर की सार्थक एप पर जानकारी सुनिश्चित कराएंगे।

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आधिकारिक जानकारी के अनुसार, राज्य शासन द्वारा कोविड-19 पर प्रभावी नियंत्रण के लिये स्वास्थ्य विभाग के सार्थक एप पर सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग (Social Justice and Disabled Welfare Department) के अधिकारियों और कर्मचारियों की भी उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। इन अधिकारियों और कर्मचारियों ने दिन में 2 बार सुबह 6 से 11 और शाम 6 से 9 बजे के बीच चिकित्सालयों द्वारा http://www.sarthak.nhmmp.gov.in पोर्टल पर चिकित्सालयों द्वारा की जाने वाली डाटा एंट्री की समीक्षा रविवार से शुरू कर दी है।

राज्य शासन ने जारी निर्देश में कहा है कि यदि अस्पतालों द्वारा कोविड मरीजों के लिये बेड और पैकेज दर आदि की डेटा एंट्री नहीं की जाती है, तो सामाजिक न्याय विभाग का अमला स्वास्थ्य विभाग (Health Department)   के CMHO को संबंधित अस्पताल का लायसेंस रद्द करवाने और अन्य दंडात्मक कार्रवाई के लिये प्रस्ताव प्रेषित करेगा।

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सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग द्वारा प्रत्येक विभागीय अमले को 1 से 3 अस्पतालों की जिम्मेदारी दी गई है। ये लोग निजी चिकित्सालयों के नोडल या अधिकृत अधिकारी से समन्वय स्थापित कर प्रतिदिन सुबह और शाम चिकित्सालयों में पहुँचकर बेड की उपलब्धता की एप पर डाटा एंट्री सुनिश्चित कर रहें है। ये अधिकारी/कर्मचारी अस्पताल में कोविड मरीजों के लिये आइसोलशन बेड, Oxygen, सपोर्टेड बेड, ICU/HDU बेड और रेट एवं पैकेज की जानकारी की भी सतत समीक्षा करने के साथ अस्पताल में इनका प्रदर्शन किया जाना भी सुनिश्चित कर रहे हैं।

पंजीकृत निजी अस्पताल के लिये दर सूची प्रदर्शन अनिवार्य

वर्तमान में प्रदेश में कोविड प्रकरणों की बढ़ती संख्या और निजी अस्पतालों (Private Hospital) में रोगी के परिजनों से अधिक शुल्क वसूल न किया जाए के दृष्टिगत राज्य शासन ने सभी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश भी जारी किये हैं। निर्देशों में कहा गया है कि निजी पंजीकृत चिकित्सालय द्वारा चिकित्सकीय सेवाओं के साथ-साथ कोविड मरीजों के लिये निर्धारित सेवा शुल्क या पैकेज अलग से रजिस्ट्रेशन काउंटर एवं अस्पताल के अन्य सुलभ स्थानों पर प्रदर्शित किये जाएं।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को करना होगा सूचित

प्रदर्शित दर सूची में किसी निर्धारित पैकेज से अलग चार्ज की जाने वाली सेवाएँ और उनकी दरें भी स्पष्ट रूप से अंकित होनी चाहिए। अस्पताल को यह दरें किसी भी रोगी या उनके परिजन के मांगने पर इसकी प्रति उपलब्ध करवानी होगी।पंजीकृत अस्पताल में उपलब्ध बेड की दैनिक अद्यतन जानकारी सार्थक पोर्टल के साथ रजिस्ट्रेशन काउंटर पर भी उपलब्ध रहे। विशेषकर कोविड-19 मरीजों के उपचार के लिये होने वाली दरों में संशोधन करने के पूर्व मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को सूचित करना होगा।


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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