भोपाल।पूजा खोदाणी।
मध्यप्रदेश में सीएए और एनआरसी पर संग्राम जारी है।राजनैतिक पार्टियों के साथ साथ अब आईएएस अधिकारी भी इन विवादों में कूद पड़े है। मंडला कलेक्टर जगदीश जटिया ने सीएए का समर्थन करने से साफ इंकार कर दिया है।उनका कहना है कि मुझे अपने विवेक का इस्तेमाल करना आता है। मैं खुद सीएए और एनआरसी को सपोर्ट नहीं करता। हालांकि विवाद होने के बाद कलेक्टर ने अपनी पोस्ट को डिलीट कर दिया है।हालांकि तबतक इसके स्क्रीन शॉट वायरल हो चुके थे। वही बीजेपी ने इसका विरोध किया है और इसे लोक सेवा आचरण संहिता के विरुद्ध बताया है।
दरअसल, फेसबुक पर उनके एक फ्रेंड ने उनसे पूछा था कि जेएनयू के लोग जो सीएए और एनआरसी पर विरोध कर रहे है और दूसरी तरफ कई अभिनेता इसका समर्थन कर रहे है, क्या यह सही है और इसमें जो मारपीटी हुई है उसकी सही तरीके से जांच होनी चाहिए क्योकि इसमें एबीवीपी के छात्र भी घायल हुए है उनका कोई सपोर्ट नही कर रहा। जिस पर कलेक्टर जगदीश जाटिया ने जवाब देते हुए लिखा है कि मुझे अपने विवेक का इस्तेमाल करना आता है। मैं खुद सीएए और एनआरसी को सपोर्ट नहीं करता। मारापीटी भी टीवी पर देखी ही है। इसके साथ ही उन्होंने कई यूजर्स को यह लिखा कि तुम विरोध करते रहो। उनकी यह चैट जैसे ही सोशल मीडिया पर वायरल हुई उन्होंने पोस्ट को डिलीट कर दिया। यहां तक कि उन्होंने अपना एकाउंट तक डिएक्टिवेट कर दिया है।हालांकि तबतक पोस्ट के स्क्रीन शॉट वायरल हो चुके थे।
यहां से शुरु हुआ विवाद
दरअसल, विवाद उनकी आठ जनवरी को की गई पोस्ट से शुरु हुआ है। उन्होंने फिल्म अभिनेत्री दीपिका पादुकोण की फिल्म ‘छपाक’ का समर्थन किया था और कहा था कि हम भी देखेंगे।इसके साथ ही उन्होंने इसका पोस्टर भी अपने फेसबुक वॉल पर शेयर किया था।जिस पर यूजर्स ने टिप्पणी की थी और बात यहां तक जा पहुंची। इसके बाद कई लोगों ने टिप्पणी की ।
बीजेपी ने किया पलटवार
कलेक्टर के इस ट्वीट पर बीजेपी के प्रदेश मीडिया प्रभारी लोकेन्द्र पाराशर ने स्क्रीट शॉट अपने ट्वीटर पर शेयर किए है और लिखा है कि यह मंडला के कलेक्टर जगदीश जटिया हैं ,इसकी हिम्मत देखो…यह संविधान से ऊपर हो गये है? जिस कानून को राजपत्र में प्रकाशित कर दिया गया है, यह उसका विरोध कर रहे है। किसकी शह पर?? कमलनाथ जी बताएं, क्या यह लोक सेवा आचरण संहिता का उल्लंघन नहीं है ।
कौन है जगदीश जटिया
जगदीश जटिया मंडला के 101वें कलेक्टर है। जटिया 1992 बैच के राज्य प्रशासनिक सेवा और 2009 बैच के भारत प्रशासनिक सेवा के अधिकारी हैं। इससे पहले ये साल 2007 से 2010 में जिला पंचायत मंडला के ही मुख्य कार्यपालन अधिकारी रह चुके है।
क्या कहता है नियम
मंडला कलेक्टर जगदीश जटिया भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी हैं, ऐसे में नियम के अनुसार वे किसी लागू कानून का विरोध नही कर सकते।ऐसा करने पर उन पर लोक सेवा आचरण उल्लंघन का केस बनता है। कानून कहता है कि किसी सरकारी अधिकारी को राजनैतिक मुद्दों से दूरी बनाकर रखनी चाहिए वही अगर कानून बन चुका है तो उसका विरोध करने के बजाय उसे जन-जन तक पहुंचाने में मदद करनी चाहिए। अगर वे विरोध करते हैं तो सीधे तौर पर सर्विस कोड का उल्लंघन माना जाएगा।
यह मंडला के कलेक्टर जगदीश जटिया हैं ,
इसकी हिम्मत देखो…
यह संविधान से ऊपर हो गये है?
जिस कानून को राजपत्र में प्रकाशित
कर दिया गया है, यह उसका विरोध कर रहे है। किसकी शह पर??@OfficeOfKNath जी बताएं, क्या यह लोक सेवा आचरण संहिता का उल्लंघन नहीं है @CMMadhyaPradesh @AmitShah pic.twitter.com/r0aDYmfLib— Lokendra Parashar (@LokendraParasar) January 13, 2020