भोपाल।
बसपा सुप्रीमो मायावती की चेतावनी को कांग्रेस ने गंभीरता से लिया है। कानून मंत्री पीसी शर्मा ने अब दलित आंदोलन के दौरान आंदोलनकारियों पर दर्ज किए गए राजनीतिक केसों को भी वापस लेने की बात कही है।बताते शर्मा ने कांग्रेस नेताओं के ऊपर लगे केस वापस लेने की बात कही थी, लेकिन सोमवार को मायावती की चेतावनी की बात आनन-फानन में बयान जारी कर आंदोलनकारियों पर भी लगे केस वापस लेने की बात कही है।बताया जा रहा है कि मायावती के बयान से बाद से ही पार्टी में ह़ड़कंप मच गया था।
दरअसल, विभागों का बंटवारा होते ही नवनियुक्त विधि मंत्री पीसी शर्मा ने कहा था कि प्रदेश सरकार मध्यप्रदेश में कांग्रेस कार्यकर्ता और कर्मचारियों के मुकदमे वापस लेगी ।जिसको लेकर सोमवार को बसपा सुप्रीमो मायावती ने आपत्ति जताते हुए कांग्रेस को चेतावनी देते हुए कहा था कि कांग्रेस अब सत्ता में है और राजनैतिक रंजिश के चलते 2 अप्रैल 2018 को भारत बंद के दौरान झूठे मामलों में फंसाए गए एससीएसटी वर्ग लोगों पर जो केस लगाए गए थे उन्हें भी वापस लिया जाए। अगर ऐसा नहीं किया जाता है तो जो समर्थन हमने कांग्रेस को दिया है उसपर विचार किया जाएगा। मध्य प्रदेश सरकार में विधि मंत्री पीसी शर्मा के बयान को मायावती की चेतावनी से जोड़कर देखा जा रहा है, कि मायावती के उस बयान के बाद एमपी सरकार ने यह फैसला लिया है।
बताते चले कि बीते साल एससी-एसटी एक्ट के विरोध में जमकर आंदोलन हुआ था, तोड़फोड़, आगजनी, पथराव की घटनाएं सामने आई थी, इस दौरान कई आंदोलनकारियों पर केस भी दर्ज किए गए थे, जिसमें अधिकतर लोग एसटी-एसटी वर्ग के थे। इसी को लेकर मायावती ने कांग्रेस को चेतावनी दी थी और केस वापस लेने को कहा था।
प्रेस रिलीज जारी कर मायावती ने दी थी कांग्रेस को चेतावनी
सोमवार को बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने राजस्थान और मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार से समर्थन वापस लेने की धमकी दी थी । मायावती ने बीएसपी के समर्थन वाली कांग्रेस सरकार से बीजेपी के राज में 2 अप्रैल 2018 को हुए भारत बंद को लेकर दर्ज कराए गए मुकदमों को वापस लिए जाने की मांग की थी। मायावती ने प्रेस रिलीज जारी कर कहा था कि ये मुकदमे राजनीतिक और जातिगत विद्वेष के चलते दर्ज कराए गए थे और इनमें निर्दोष लोगों को फंसाया गया है। अगर राजस्थान और मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने मुकदमे वापस नहीं लिए, तो उनकी पार्टी अपना समर्थन वापस लेने पर विचार कर सकती है।
बीएसपी ने मप्र में दो सीटों का दिया है समर्थन
बता दें है कि मध्य प्रदेश और राजस्थान में बीजेपी और कांग्रेस में से किसी दल को पूर्ण बहुमत नहीं मिला है। बीएसपी को मध्य प्रदेश में दो और राजस्थान में छह सीटें मिली है, वहीं मध्य प्रदेश में कांग्रेस को 114 और बीजेपी को 109 सीट मिली हैं, जबकि राजस्थान में कांग्रेस ने 99 और बीजेपी ने 73 सीटें जीती हैं। बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने मध्य प्रदेश और राजस्थान विधानसभा चुनावों के नतीजे आने के बाद सरकार बनाने के लिए कांग्रेस को समर्थन देने का ऐलान किया था। मध्य प्रदेश में कांग्रेस बहुमत के जादुई आंकड़े से महज दो सीट पीछे रह गई थी. हालांकि कांग्रेस निर्दलीय उम्मीदवारों के समर्थन से सरकार बनाने में सक्षम थी, लेकिन फिर भी मायावती ने सरकार बनाने के लिए कांग्रेस को समर्थन देने की घोषणा की थी।