भोपाल, हरप्रीत कौर रीन। फर्जी नोटशीट बनाकर ट्रांसफर मामलें में मंत्री प्रभुराम चौधरी के घर का चपरासी और पूर्व मंत्री और वर्तमान विधायक रामपाल सिंह का कुक ही आरोपी निकला। हालांकि यह दोनों आरोपी दोनों मंत्रियों के यहाँ से कुछ समय पहले ही काम छोड़ चुके थे, लेकिन काम छोड़ते ही वो इस गोरखधंधे में लिप्त हो गए। मंत्री के यहाँ काम के दौरान ट्रांसफर के लिए लोगों को बंगले में आते जाते देख आरोपियों को यह काम करने की सूझी।
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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निवास पर पहुंची ट्रांसफर की फर्जी नोटशीट मामले में क्राइम ब्रांच ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों में एक स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी के यहां चपरासी रह चुका है तो दूसरा सिलवानी (रायसेन) से बीजेपी विधायक रामपाल सिंह का कुक था। ये दोनों मिलकर दो कम्प्यूटर ऑपरेटर से लेटर टाइप कराते थे। इसके बाद एक अन्य व्यक्ति की मदद से फर्जी डिस्पैच नंबर डालकर कर्मचारी से रुपए खाते में डलवाते थे। चिट्ठी और नोटशीट तैयार होने के बाद इसे वल्लभ भवन की आवक-जावक शाखा के बॉक्स में डालकर प्राप्ति रसीद ले लेते थे। कर्मचारियों को शक न हो, इसके लिए आरोपी उन्हें मंत्री-विधायकों के बंगलों के बाहर बुलाकर डील करते थे।
इन आरोपियों के पास से पुलिस ने विधायक समेत अन्य जनप्रतिनिधियों की खाली नोटशीट, लेडर हेड बरामद किए हैं, जिन्हें आरोपियों ने जनप्रतिनिधियों को बंगले से चोरी किया था। आरोपी अब तक 30 कर्मचारियों के ट्रांसफर के लिए प्रपोजल भेज चुके थे। पुलिस आरोपियों को रिमांड में लेकर पूछताछ कर रही है। लगातार मिल रही शिकायतों के बाद इस गैंग का भंडाफोड़ हुआ।
हाल में ही यह मामला सामने आया था कि कुछ विधायक, सांसदों के लेटर हेड पर स्थानांतरण के प्रस्ताव सीएमओ वल्लभ भवन में भेजे जा रहे हैं। शिकायत की जांच में पाया गया कि सांसद, विधायक के लेडर हेड, नोटशीट फर्जी हैं। पुलिस ने जिन अधिकारियों, कर्मचारियों का प्रपोजल भेजा गया था, उन्हें नोटिस देकर पूछताछ शुरू की। जिससे पूरे मामले का खुलासा हो सका। क्राइम ब्रांच के हत्थे चढ़ा आरोपी राम प्रसाद राही सुनहरी बाग जवाहर चौक का रहने वाला है। जनप्रतिनिधियों के बंगले में वह कुक का काम करता है। वह फर्जी लेटर हेड तैयार करता था और खुद ही विधायक, सांसद के हस्ताक्षर कर प्रपोजल संबंधित विभाग को भेज देता था। वही दूसरा आरोपी लखनलाल ग्राम कानीबड़ा उपयपुरा, रायसेन का रहने वाला है। फर्जी लेटर हेड में डिस्पेच नंबर अंकित करने का काम करता था। इसके साथ ही ट्रांसफर करवाने वाले से अपने खाते में रकम जमा कराता था। इसके साथ ही इनका तीसरा साथी रामकृष्ण राजपूत टिमरनी, हरदा का रहने वाला है। वह कम्प्यूटर ऑपरेटर है। लेटरहेड में वह ही टाइपिंग करता था। इसके लिए उसे कमीशन मिलता था। इस मामले में चौथा आरोपी दशरथ राजपूत खामापडवा, हरदा का रहने वाला है और कम्प्यूटर ऑपरेटर है। वह रामकृष्ण के साथ मिलकर नोटशीट में प्रपोजल तैयार करता था। इसके अलावा एक और आरोपी क्राइम ब्रांच ने पकड़ा है। रामगोपाल पाराशर नाम का यह आरोपी मॉडल स्कूल परिसर टीटी नगर, भोपाल में रहता है। वह शिक्षा विभाग में सरकारी भृत्य है। लेटरहेड उपलब्ध कराने का काम करता था।
गिरफ्तार आरोपी रामप्रसाद राही की छतरपुर में ससुराल है। उसने विधायक रामपाल सिंह के फर्जी लेडर हेड, नोटशीट से अकेले छतरपुर के रहने वाले 27 कर्मचारियों की अनुशंसा की है। रामप्रसाद ने सबसे अधिक नोटशीट भेजी हैं। वह विधायक रामपाल सिंह के बंगले में कुक रह चुका है। इस पूरे मामले में खास बात यह है कि रामप्रसाद व रामगोपाल खुद ही फर्जी नोटशीट लेकर वल्लभ भवन की आवक-जावक शाखा तक पहुंचाते थे। इसकी वह रिसीविंग लेकर आते थे। इसके बाद लोगों को आश्वसान देकर रखते थे कि जल्द ही ट्रांसफर हो जाएगा। आरोपियों ने बेहद होशियारी के साथ यह खेल जारी रखा था लेकिन नोटशीट में की गई गलतियां और एक के बाद एक ट्रांसफर के आवेदन आने से वह पकड़े गए। फिलहाल क्राइम ब्रांच इस मामलें में लिप्त और लोगों का पता लगा रही है।