भोपाल| लोकसभा चुनाव में अभूतपूर्व जीत के बाद आज शाम सात बजे नरेंद्र मोदी लगातार दूसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे। मोदी की ताजपोशी का कार्यक्रम पिछली बार से भी भव्य बनाने की कोशिश की जा रही है| राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में होने वाले इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री के साथ-साथ लगभग पांच दर्जन मंत्री भी शपथ लेंगे। हालांकि मोदी की टीम में कौन कौन होगा इसकी जानकारी सामने नहीं आई है| सभी संभावित चेहरे इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए दिल्ली में ही उपस्तिथ हैं| वहीं सबकी नजरें इस पर होंगी कि गृह, रक्षा, वित्त और विदेश विभाग की अहम जिम्मेदारी किसे दी जाएगी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह मंत्रिमंडल में शामिल होंगे या नहीं।
मध्य प्रदेश में बीजेपी ने पिछली बार से भी अच्छा प्रदर्शन किया है और अब तक जिन किलों में सेंध लगाने के लिए बीजेपी रणनीति बनाती रही है वहाँ भी पार्टी को बड़ी जीत मिली है| इससे साफ़ है कि मोदी की टीम में मध्य प्रदेश को विशेष दर्जा मिलने वाला है| अब सवाल है कि मोदी मप्र को क्या रिटर्न गिफ्ट देते हैं| देश के दिल कहे जाने वाले मध्य प्रदेश से कितने सांसद मंत्रिमंडल में शामिल होंगे| चुनाव नतीजों के बाद से ही आधा दर्जन नेताओं के नामों को लेकर कयास चल रहे हैं| वहीं चर्चा है कि चार सांसदों को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है, इनमें नरेंद्र सिंह तोमर, थावरचंद गेहलोत, वीरेंद्र कुमार एवं प्रहलाद पटेल के नाम की चर्चा है। इसके अलावा पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव में अपनी अहम भूमिका निभाने वाले भाजपा के महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय को भी कैबिनेट में शामिल किए जाने संभावना जताई जा रही है। हालांकि हाईकमान से किसी ने अधिकृत तौर पर जानकारी भी नहीं दी। महिला कोटे से सीधी से दूसरी बार जीती रीति पाठक को लेकर भी विचार चल रहा है। इसके अलावा एक दो नाम चौंकाने वाले भी हो सकते हैं| लोकसभा चुनाव में मप्र ने भाजपा की झोली में 29 में से 28 सीटें डाली हैं, इसलिए मप्र को इस बार बेहतर प्रतिनिधित्व मिलने की संभावना है।
आदिवासी वर्ग से फग्गन सिंह कुलस्ते और पहली बार सांसद बने जीएस डामोर के नाम भी चर्चा में हैं। वहीं इस बात की भी चर्चा है कि चौथी बार सांसद बने राकेश सिंह को कैबिनेट में शामिल नहीं किया जाएगा। हाईकमान उन्हें संगठन में ही रखना चाहता है। क्यूंकि कैबिनेट में मंत्री बनाया गया तो प्रदेश की कमान किसी अन्य को सौंपनी होगी| फिलहाल इस तरह के फैसले से हाईकमान बचना चाह रही है| भाजपा अध्यक्ष अमित शाह बड़े राज्यों के अध्यक्षों को बदलने के मूड में नहीं है। भाजपा की नजर प्रदेश में होने वाले आगामी नगरीय निकाय और पंचायत चुनावों पर है। पिछली सरकार में कुछ समय के लिए आदिवासी नेता फग्गन सिंह कुलस्ते भी कैबिनेट में शामिल थे। इनके अलावा नरेंद्र सिंह तोमर, थावरचंद गेहलोत, डॉ. वीरेंद्र कुमार भी मोदी कैबिनेट के मेंबर रहे हैं। इसके अलावा इस बार नए सांसदों को मौका दिया जाएगा| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के विश्वास पात्र नरेंद्र सिंह तोमर इस बार भी केंद्रीय मंत्री मंडल का हिस्सा होंगे इसकी प्रबल संभावना है, क्योंकि इसके पहले के कार्यकाल में तोमर के पास हैवीवेट मंत्रालय थे, जहाँ उन्होंने बेहतरीन परिणाम दिया था। इसके अलावा वीरेंद्र खटीक जो अनुसूचित जाति से प्रतिनिधित्व करते हैं और लो प्रोफाइल रहकर अपना काम पूरी शिद्दत से करते हैं, पिछले मंत्रिमंडल में भी शामिल थे और उनके काम से प्रधानमन्त्री संतुष्ट भी थे लिहाजा एक बार फिर उन्हें स्थान दिया जा सकता है। इसके अलावा वरिष्ठ नेता थावरचंद गहलोत ओर सीधी से फिर से सांसद चुनी गईं रीती पाठक इस बार मोदी कैबिनेट में शामिल होकर लोगों को चौंका सकती हैं। दमोह से सांसद चुने गए प्रहलाद पटेल को इस बार मोदी कैबिनेट में जगह मिल सकती है। अटल कैबिनेट में मंत्री रह चुके प्रहलाद पटेल पांचवीं बार सांसद चुने गए हैं। सतना सतना सांसद गणेश सिंह को भी मंत्रीमंडल में शामिल किया जा सकता है| इसके अलावा अमित शाह ओर मोदी किसी एक नए चेहरे को भी मौका देकर चौंका सकते हैं|