ममता बनर्जी पर बरसे मोहन यादव, बोले ‘SC, ST, OBC के साथ अन्याय करने वाली, देश का विभाजन करने वाली मानसिकता’

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस प्रकार पश्चिम बंगाल में एससी, एसटी, ओबीसी के हक़ का 5 लाख से ज्यादा आरक्षण मुस्लिम वर्ग को दिया गया, उससे इनकी तुष्टिकरण की नीति का खुलासा होता है। उन्होंने कहा कि कोर्ट के इस आदेश के बाद अब ममता बनर्जी को माफ़ी माँगनी चाहिए और कांग्रेस सहित इंडिया गठबंधन को इस मुद्दे पर अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।

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CM Mohan Yadav on the decision of Calcutta High Court : कलकत्ता हाईकोर्ट द्वारा ओबीसी आरक्षण पर दिए फैसले को लेकर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा है कि इसके बाद साफ़ हो गया है कि कांग्रेस और उसके सहयोगी दल कैसे तुष्टिकरण की राजनीति करते हैं। आज़मगढ़ पहुँचे मुख्यमंत्री ने कहा कि इस फैसेल से साबित हो गया है कि कांग्रेस और इंडिया गठबंधन एससी, एसटी और ओबीसी के हिस्से का आरक्षण छीनकर मुस्लिम समाज को देना चाहती है, लेकिन बीजेपी उनके इन इरादों को कामयाब नहीं होने देगी।

सीएम मोहन यादव ने ममता बनर्जी पर साधा निशाना

मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘भारतीय जनता पार्टी सदैव सबका साथ सबका विकास की बात करती आई है और धर्म के आधार पर आरक्षण का विरोध करते आई है। अब तो कलकत्ता हाईकोर्ट ने भी डिसाइड कर दिया है कि ममता बनर्जी द्वारा जिस प्रकार से राजनीतिक तुष्टिकरण के आधार पर एससी, एसटी, ओबीसी का 5 लाख से ज्यादा आरक्षण काटकर मुस्लिम वर्ग को दिया है। इसपर हाईकोर्ट ने फैसला दिया है कि इसे वापस लेकर हक एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग को देना चाहिए। भाजपा ने स्पष्ट किया था कि यही गलती कांग्रेस ने भी कर्नाटक और आंध्र की सरकार ने भी की थी। मुस्लिम वर्ग को आरक्षण देना ये एससी एसटी और ओबीसी का न केवल हक काटने के बराबर है बल्कि उनके साथ अन्याय करने के बराबर है।

कहा ‘माफ़ी माँगे, अपनी स्थिति स्पष्ट करें’

उन्होंने कहा कि ‘ये बात बाबासाहेब अंबेडकर और हमारे संविधान की मूल भावना के भी विरुद्ध है। जिस मूल भावना में कहा गया था कि धर्म के आधार पर आरक्षण इस देश में नहीं दिया जा सकता। संविधान के बाहर जाकर केवल राजनीतिक स्वार्थ और तुष्टिकरण के कारण कांग्रेस, ममता बनर्जी, समाजवादी पार्टी और अन्य बाकी पार्टिया इस लाइन पर जा रही हैं, मैं उनकी घोर निंदा करता हूं। हाईकोर्ट के निर्णय के बाद तो सब कुछ जगजाहिर हो चुका है। इसके बाद इन्हें माफी भी मांगना चाहिए और जनता के साथ और एससी, एसटी और ओबीसी के साथ जो अन्याय इन्होंने किया है, उसे लेकर वे अपनी स्थिति स्पष्ट करें। दूसरी बड़ी बात, कितनी बेशर्मी से वापस ममता बनर्जी कह रही है मैं हाईकोर्ट के फैसले को नहीं मानती। जनता सब जानती है जनता इसके बारे में फैसला करेगी।’

कांग्रेस पर लगाया आरोप

सीएम मोहन यादव ने कहा कि ‘भाजपा शुरू से कहते हुए आई है ये वो मानसिकता है जिसके कारण से देश का अतीत में बंटवारा हुआ। 1947 में भी धर्म आधारित बात करने के कारण से ही बंटवारा हुआ था। अगर ऐसी ही बात होती रहेगी तो वापस यह बंटवारे के ही बीज बो रही है।देश में अपनी कुर्सी के कारण से ये बहुत गंदा खेल खेल रहे हैं। मैं इसकी घोर निंदा करता हूं। साथ ही राहुल गांधी जी ने भी एक बयान दिया कि अतीत में उनकी पीढ़ियां ने उसमें उनकी दादी श्रीमती इंदिरा गांधी, उनके पिता राजीव गांधी, उनके नाना पंडित जवाहरलाल नेहरू, उनकी माँ जो यूपीए चेयरपर्सन रही है, अतीत में इनके द्वारा भी अन्याय हुआ है.. अब वो इस बात को लेकर आ रहे हैं कि मैं उनकी लड़ाई लडूंगा। काल के प्रवाह में आपकी पीढ़ियों ने जो इस वर्ग के साथ अन्याय किया वो बहुत निंदनीय है।’

‘जनता देगी जवाब’

उन्होंने कहा ‘मैं बाबासाहेब अंबेडकर के संविधान को नमन करता हूं जिसके आधार पर उन्होंने धर्म आधारित आरक्षण का विरोध किया था लेकिन ये तो बाबा साहब का भी विरोध करने वाले लोग हैं। इंडिया गठबंधन के लोगों ने तो बाबा साहब का चित्र भी नहीं लगने दिया। यह सारे घमंडिया लोग हैं, ये केवल अपने स्वार्थ के लिए सरकार बनाना चाहते हैं। सरकार बनाने की बात दूर है सरकार के आधार पर ये देश में जहर घोलने का काम कर रहे हैं। मैं माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को धन्यवाद देना चाहूंगा जिन्होंने संविधान निर्माता और हमारी भारतीय जनता पार्टी ने न केवल उनका तेल चित्र लगाया बल्कि बाबा साहब अंबेडकर की जन्मस्थली से लेकर सभी तीर्थ को हमने उन्हें रेखांकित किया।’ उन्होंने कहा कि उम्मीद करता हूं वर्तमान में जिस प्रकार का समय चल रहा है जनता दूध का दूध पानी का पानी करेगी।’


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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