MP Election 2023 : BJP की पहली लिस्ट में एससी-एसटी पर विशेष फोकस, पिछली बार हारे कई नेताओं पर फिर भरोसा, इन सीटों पर नए चेहरे को मौका

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MP Elections 2023 : मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव का समय जैसे जैसे नजदीक आ रहा है, वैसे वैसे राजनैतिक दलों और नेताओं के दिलों की धड़कने भी तेज होती जा रही है। “किसे टिकट मिलेगा और किसका कटेगा” की चर्चाओं के बीच मध्य प्रदेश बीजेपी ने सबको चौंकाते हुए हारी हुई सीटों पर 39 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी है।  ऐसा पहली बार हुआ है, जब बीजेपी ने चुनाव की घोषणा से पहले उम्मीदवारों का ऐलान किया है। खबर है कि केन्द्रीय नेतृत्व के द्वारा कराए गए सर्वे के बाद यह लिस्ट जारी की गई है।

एसटी-एससी पर विशेष फोकस, 14 नए चेहरे, कईयों की सीट बदली

खास बात ये है कि इस बार एससी एसटी पर विशेष फोकस किया गया है। इनमें 13 अनुसूचित जनजाति(ST), आठ अनुसूचित जाति (SC) और 18 सामान्य सीटें हैं। कारण यह है कि 2018 में आरक्षित सीटों पर ही सबसे ज्यादा नुकसान हुआ था। पार्टी एसटी वर्ग की 47 में मात्र 16 सीटें ही जीत पाई थी, जबकि 2013 में पार्टी के पास एक निर्दलीय समर्थक के साथ 32 सीटें थी। एससी वर्ग में भी भाजपा के पास 28 सीटें थी लेकिन 2018 के चुनाव में मात्र 18 सीटें ही बच पाई थीं। ये सभी हारी हुई सीटें हैं, जिन पर कांग्रेस या अन्य दल के विधायक हैं।

इसमें 2018 के चुनाव में हारे 14 चेहरों को फिर से मौका दिया है। इनमें चार पूर्व मंत्री ललिता यादव, लाल सिंह आर्य, ओम प्रकाश धुर्वे और नाना भाऊ मोहोड़ भी शामिल है। वहीं 12 नए चेहरों को मैदान में उतारा गया है। इसके अलावा 6 कैंडिडेट ऐसे है जिन्होंने 2013 का चुनाव लड़ा था, लेकिन 2018 में उन्हें टिकट नहीं दिया गया था।सबसे अहम बात तो ये है कि ये सभी वो सीटें हैं जहां वर्तमान में कांग्रेस का कब्जा है और बाकी जहां से बीजेपी लगातार दो या तीन बार से चुनाव हार रही है।  सांवेर विधानसभा क्षेत्र से 2018 में राजेश सोनकर कांग्रेस के तुलसी सिलावट से चुनाव हार गए थे। 2020 में सिलावट भाजपा में आ गए और सांवेर से फिर विधायक बन गए, ऐसे में इस बार पार्टी ने सोनकर को सोनकच्छ से प्रत्याशी बनाया है। यह सीट भी अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है।

सिंधिया समर्थक का टिकट कटा, आर्य पर फिर भरोसा

इस बार कमलनाथ सरकार गिराने वाले सिंधिया समर्थक पूर्व विधायक रणवीर जाटव का टिकट काटा गया है। बता दे कि जाटव वही है जो सिंधिया के साथ भाजपा में आए थे और वर्ष 2020 में उपचुनाव में हार गए थे । अनुसूचित जाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मंत्री लाल सिंह आर्य को गोहद से टिकट दिया गया है, हालांकि सुमावली से सिंधिया समर्थक एंदल सिंह कंसाना को टिकट मिला है।  पिछोर सीट से प्रीतम लोधी तो छतरपुर से पूर्व मंत्री ललिता यादव मौका दिया गया है। इंदौर के राऊ से मधु वर्मा  और जबलपुर पूर्व से अंचल सोनकर को मौका दिया गया है। । चाचौडा से प्रियंका मीणा आइआरएस अधिकारी प्रद्युम्न सिंह मीणा की पत्नी है।

ललिता यादव को छतरपुर से हटाकर बड़ामलहरा से लड़ाया गया था, जहां से वे हार गईं। अब उन्हें फिर छतरपुर से प्रत्याशी बनाया गया है। मंडला की बिछिया सीट से बीजेपी ने सामाजिक कार्यों में सक्रिय रहने वाले डॉ विजय आनंद मरावी को प्रत्याशी बनाया है, जिसके बाद उन्होंने जबलपुर मेडिकल कॉलेज में सहायक अधीक्षक पद से इस्तीफा दिया है, राजनीति में एक नया चेहरा हैं। वे विद्या भारती महाकौशल प्रान्त के सचिव भी हैं। वही भोपाल मध्य से ध्रुवनारायण सिंह पर पार्टी ने दस वर्ष बाद मौका दिया गया है, सिंह को पार्टी ने 2013 से टिकट नहीं दिया था, वे 2008 में मुस्लिम बहुल मध्य सीट से विधायक रह चुके हैं, वही आलोक शर्मा भी नया चेहरा है।

2018 में हारे इन प्रत्याशियों पर दोबारा मौका

राऊ – मधु वर्मा कसरावद – आत्माराम पटेल गोहद – लाल सिंह आर्य छतरपुर – ललिता यादव पथरिया – लखन पटेल गुन्नौर – राजेश वर्मा चित्रकूट – सुरेंद्र सिंह गहरवार शाहपुरा – ओमप्रकाश धुर्वे सौंसर – नाना भाऊ मोहोड़ भैंसदेही – महेंद्र सिंह चौहान महेश्वर – राजकुमार मेव पेटलावद – निर्मला भूरिया झाबुआ – भानू भूरिया आलीराजपुर – नागर सिंह चौहान

2013 में चुनाव लड़े इन चेहरों पर फिर भरोसा

धरमपुरी – कालू सिंह बरघाट – कमल मर्सकोले बैहर – भगत सिंह नेताम चित्रकूट – सुरेंद्र सिंह गहरवार पथरिया – लखन पटेल छतरपुर – ललिता यादव

ये नए चेहरे

कुक्षी – युवा नेता जयदीप पटेल को टिकट, गोटेगांव – महेश नागेश, बिछिया – डॉ. विजय आनंद मरावी, बड़वारा – धीरेंद्र सिंह,पुष्पराजगढ़ – हीरा सिंह श्याम,बंडा – वीरेंद्र सिंह लंबरदार, चांचौड़ा – प्रियंका मीणा,लांजी – राजकुमार कर्राये,पाढ़ूर्णा – प्रकाश उइके,सबलगढ़ – सरला रावत, बरगी – नीरज सिंह ठाकुर,महाराजपुर – कामाख्या प्रताप सिंह


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Pooja Khodani

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