MP Board: 10वीं-12वीं बोर्ड परीक्षार्थियों को हो सकता है नुकसान! ये है बड़ा कारण

Kashish Trivedi
Published on -
mp board

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (madhya pradesh) में दो सरकारी तंत्रों की आमने सामने आने का खामियाजा विद्यार्थियों को भुगतना होगा। दरअसल हम बात कर रहे हैं स्कूल शिक्षा विभाग (school education department) और माध्यमिक शिक्षा मंडल (Board of Secondary Education) की। प्रदेश में 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा (MP Board Exam) अप्रैल महीने से शुरू हो रही है। बावजूद इसके विभाग और मंडल परीक्षा पैटर्न को लेकर आमने-सामने की लड़ाई लड रहे हैं।

वहीं 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा के लिए शिक्षा विभाग ने माध्यमिक शिक्षा मंडल के दो परीक्षा कराने नए पैटर्न वाले प्रश्न पत्र समेत अन्य बदले गए सभी नियम को अपने अधिकार से निरस्त कर दिया है। जबकि दूसरी तरफ माध्यमिक शिक्षा मंडल के अधिकारी परीक्षा से जुड़ी किसी भी जानकारी पर कुछ भी कहने से चुप है। वहीं दोनों की खींचतान में बोर्ड परीक्षार्थियों का भविष्य दांव पर लगने लगा है।

बता दें कि पिछले 3 महीने से विद्यार्थी बदले हुए पैटर्न के आधार पर परीक्षा की तैयारी कर रहे थे। अब ऐसी स्थिति में अचानक शिक्षा विभाग द्वारा पुराने पैटर्न पर परीक्षा आयोजित करने की तैयारी शुरू की गई है। ऐसे में विद्यार्थियों की परेशानी पड़ गई है। वही मंडल का मानना है कि इसका सीधा सीधा असर परीक्षा परिणामों पर पड़ेगा।

Read More: MP Board: 10वीं और 12वीं परीक्षा में नहीं होंगे कोई बदलाव, शिक्षा विभाग ने दिए ये निर्देश

वहीं इस मामले में भोपाल के शिक्षाविद का कहना है कि मंडल ने जो बदलाव किया वह सराहनीय प्रयास था। इस पैटर्न के लागू होने से बच्चों में रटने की प्रवृत्ति खत्म हो जाती। इस पर शिक्षा विभाग को एक बार फिर से विचार करना चाहिए। वहीं दूसरी तरफ माध्यमिक शिक्षा मंडल के सचिव उमेश कुमार का कहना है कि राज्य शासन के निर्णय का पालन किया जाएगा। वही ब्लूप्रिंट (blueprint) में बदलाव को लेकर अध्यक्ष द्वारा जल्द ही निर्णय लिया जाएगा।

बता दें कि नए पैटर्न परीक्षा आयोजित करने की बात को विभाग द्वारा यह कहकर टाला गया था कि परीक्षा केंद्रों पर प्रश्न पत्र ऑनलाइन भेजने के माध्यम में प्रश्न पत्र लीक (paper leak)  होने की आशंका बढ़ जाती। वहीं जिला स्तर पर मूल्यांकन व्यवस्था लागू करने से स्थानीय स्तर पर हस्तक्षेप होने की आशंका भी रहती है। जिस कारण से इन निर्णय को निरस्त किया गया है।

ज्ञात हो कि यह पहला मौका नहीं है जब माध्यमिक शिक्षा मंडल के फैसले पर रोक लगाई गई है। इससे पहले 7 सितंबर को माध्यमिक शिक्षा मंडल के अध्यक्ष राधेश्याम जुलानिया द्वारा दूरदर्शन पर शुरू की जाने वाली कक्षा पर भी रोक लगा दी गई थी। मंडल द्वारा इसके माध्यम से ऑनलाइन पढ़ाई कराई जानी थी। जिस पर विभाग के हस्तक्षेप के बाद रोक लगाई थी। वही एक बार फिर से लगी रोक के बारे में माध्यमिक शिक्षा मंडल अध्यक्ष राधेश्याम जुलानिया ने कुछ भी कहने से इंकार किया है। वहीं रश्मि अरुण समी ने मंडल के इस बदलाव को विद्यार्थी के हित में नहीं बताया है।


About Author
Kashish Trivedi

Kashish Trivedi

Other Latest News