MP Board : अप्रैल-मई में 9वीं से 12वीं की परीक्षाएं, छात्रों के लिए मुसीबत ना बन जाएं निकाय चुनाव

Pooja Khodani
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। फरवरी का महिना खत्म होने को है और आगामी महिनों में चुनाव आयोग द्वारा नगरीय निकाय चुनाव (MP Urban Body Elections) और पंचायत चुनावों की तारीखों का ऐलान कर दिया जाएगा।जिसके बाद प्रचार प्रसार शुरु हो जाएगा, लेकिन यह शोर नेताओं के लिए राजनीति (MP Politics) तो छात्रों के लिए मुसीबत बन जाएगा। क्योंकि अप्रैल से माध्यमिक शिक्षा मंडल, मध्यप्रदेश (Board of Secondary Education-MP Board) की 10वीं और 12वीं परीक्षाएं शुरु होने वाली है। वही इसी दौरान स्कूलों और कॉलेजों में भी परीक्षाएं चलेगी।

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दरअसल, बीते दिनों राज्य निर्वाचन आयुक्त बीपी सिंह (State Election Commissioner BP Singh) ने कहा था कि 3 मार्च को फाइनल वोटर लिस्ट आएगी,इसके बाद चुनावों की तारीखों का ऐलान कर दिया जाएगा।वही हाल ही में राज्य चुनाव आयोग (State election commission) से संकेत मिले थे कि अप्रैल महीने में नगरीय निकाय चुनाव कराने के बाद और बोर्ड परीक्षा (Board Exam 2021) के पहले पंचायत चुनाव ( MP Panchayat Election) कराए सकते हैं।इसके लिए आयोग ने MP Board से बोर्ड परीक्षाओं के बारे में जानकारी भी मांगी है।

ऐसे में अगर आयोग द्वारा अप्रैल-मई में चुनावी तारीखों का ऐलान किया जाता है तो उम्मीदवार और राजनीतिक पार्टियों तैयारियाों में जुट जाएंगी और हर उम्मीदवारों का वाहन से प्रचार किया जाएगा, जिससे शोर बढ़ेगा जिससे छात्रों की पढ़ाई पर असर पढ़ सकता है, क्योंकि इसी दौरान स्कूल (School) और कॉलेज (College) की परीक्षाएं भी चलेंगी। 10वीं-12वीं की एमपी बोर्ड (MP Board) व सीबीएसई (CBSE) की परीक्षा में लगभग डेढ़ लाख छात्र बैठेंगे। 9वीं व 11वीं में भी इतने ही छात्र हुए तो कुल स्कूली छात्रों की संख्या 3 लाख होती है।

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इसके चलते छात्र पढ़ाई में डिस्टर्ब हो सकते है, लाउडस्पीकर की तेज आवाज छात्रों के कानों में ना सिर्फ कर्कशता पैदा करेगी बल्कि ध्यान भंग भी हो सकता है, क्योंकि माइक सुबह से लेकर देर शाम तक बजते नजर आएंगे। वही कोरोना काल के चलते पहले ही पढ़ाई का काफी नुकसान हो चुका है। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि आयोग इसका समाधान जल्द निकालेगा।


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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