MP Cabinet Expansion/Shivraj Government : मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले एक बार फिर शिवराज सरकार के कैबिनेट विस्तार (Cabinet Expansion) की अटकलें तेज हो चली है। खबर है कि जातिगत और क्षेत्रीय समेत सभी समीकरणों को साधने के चलते शिवराज सरकार चुनाव से पहले कुछ विधायकों को मंत्री पद दे सकती है। मंगलवार को सीएम शिवराज सिंह चौहान की राज्यपाल मंगूभाई पटेल से मुलाकात के बाद यह कयास लगाए जा रहे है कि एक दो दिन में मंत्रिमंडल का विस्तार हो सकता है और नए मंत्रियों को शपथ दिलाई जा सकती है।
शिवराज कैबिनेट में हो सकती है इन 4 मंत्रियों की एंट्री
वर्तमान में शिवराज कैबिनेट में मुख्यमंत्री समेत 30 मंत्री शामिल है, ऐसे में खाली पदों के हिसाब से चार मंत्री बनाए जाने हैं, चुंकी कुल पद मुख्यमंत्री समेत 35 होते है। मंत्रिमंडल विस्तार में सबसे आगे रीवा से विधायक राजेंद्र शुक्ला और महाकौशल के बालाघाट से विधायक व पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष गौरीशंकर बिसेन का नाम चर्चा में बना हुआ है।इसके अलावा प्रीतम लोधी, राहुल लोधी या जालम सिंह के नाम पर भी सहमति बन बनने के संकेत है।
ओबीसी और आदिवासी वर्ग पर विशेष फोकस
खबर है कि OBC वर्ग में लोधी समाज और आदिवासी वर्ग से एक एक विधायक को कैबिनेट में शामिल किया जा सकता है।इनमें उमा भारती के भतीज और खड़गपुर से पहली बार विधायक बने राहुल लोधी के साथ नरसिंहपुर से तीन बार के विधायक जालम सिंह पटेल का नाम चर्चा में बना हुआ है, अगर इनके नामों पर सहमति बनती है तो चारों को शपथ दिलाई जा सकती है. हालांकि, नए मंत्रियों को कामकाज का सिर्फ डेढ़ माह का ही समय मिलेगा, क्योंकि अक्टूबर के पहले या दूसरे सप्ताह में आचार संहिता लागू हो सकती है।
शाह के सर्वे में सामने आई नाराजगी, संतुलन बनाने के लिए विधायकों को मंत्री पद देने की तैयारी
खबर है कि केन्द्रीय मंत्री अमित शाह और प्रदेश चुनाव प्रभारी भूपेंद्र यादव के दौरे के बाद आए फीडबैक से जोड़कर देखा जा रहा है। सुत्रों की मानें तो अमित शाह के सर्वे में कई तरह की नाराजगी सामने आई है, इसमें विंध्य और महाकौशल अंचल को मंत्रिमंडल में जगह ना मिलना माना जा रहा है। वही लोधी वोटबैंक को बनाए रखने के लिए भी इस वर्ग से आने वाले किसी विधायक को भी मंत्री मंडल में तवज्जों दी जा सकती है।वही हाल ही में बीजेपी द्वारा 39 सीटों पर उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया गया है, ये वही सीटें है जिसमें बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा था, ऐसे में विरोध को साधने और पार्टी हाई कमान जातिगत और भौगोलिक संतुलन बनाने के लिए विंध्य, महाकोशल सहित अन्य क्षेत्र के कुछ विधायकों को मंत्री देकर अपने फेवर में माहौल बनाया जा सकता है।