भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश के कॉलेज छात्रों (MP College Student) के लिए काम की खबर है। उच्च शिक्षा विभाग (Higher Education Department) ने प्रथम चरण में 50 महाविद्यालयों को बहुसंकायी संस्थान के रूप में उन्नयन करने के लिये DPR तैयार कर वित्त विभाग को प्रेषित किया गया है। वही उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने निर्देश दिए है कि पूर्व विद्यार्थियों को महाविद्यालयों से जोड़ने के लिये एक फ्रेमवर्क तैयार करें। हर वर्ष एल्यूमिनी मीट का आयोजन करें।
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सोमवार को विभागीय समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव (Higher Education Minister Dr. Mohan Yadav) ने कहा कि व्यावसायिक पाठ्यक्रम के तहत स्नातक प्रथम वर्ष में जैविक खेती एवं बागवानी के पाठ्यक्रम संचालित किये जा रहे हैं। शैक्षणिक सत्र 2021-22 के लिये प्रदेश के 346 शासकीय महाविद्यालयों में अध्ययनरत लगभग 76 हजार 518 विद्यार्थियों ने जैविक खेती और 196 शासकीय महाविद्यालयों में अध्ययनरत 14 हजार 745 विद्यार्थियों ने बागवानी पाठ्यक्रम का चयन किया है। जिन विद्यार्थियों ने इस पाठ्यक्रम में कुछ नवाचार किया हो, उनकी सफलता की कहानी का प्रचार-प्रसार करें।
उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. यादव ने कहा कि व्यावसायिक 15 पाठ्यक्रम को चिन्हित करें, जिसमें रोजगार सृजन के अवसर उपलब्ध हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में पारम्परिक पाठ्यक्रमों के अतिरिक्त व्यावसायिक पाठ्यक्रमों को चुनने का बेहतर विकल्प दिया गया है। पाठ्यक्रमों को रोजगार-मूलक बनाया जाना आवश्यक है। साथ ही विद्यार्थियों को स्व-रोजगार से जोड़ने का भी अधिक से अधिक प्रयास किया जाना चाहिये। यह बहुत आवश्यक है कि हम अपने पाठ्यक्रमों को व्यवहारिक जीवन और रोजगार प्राप्ति से जोड़ दें, तो उनकी उपयोगिता बढ़ जायेगी।
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बैठक में अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा शैलेन्द्र सिंह ने बताया कि मध्य प्रदेश में 120 महाविद्यालय एकल संकाय संस्थान के रूप में हैं। प्रथम चरण में 50 महाविद्यालयों को बहुसंकायी संस्थान के रूप में उन्नयन करने के लिये डीपीआर तैयार कर वित्त विभाग को प्रेषित किया गया है।वही आयुक्त उच्च शिक्षा दीपक सिंह ने प्रदेश के सभी शासकीय अग्रणी महाविद्यालयों को आदर्श महाविद्यालय में विकसित करने एवं शासकीय विज्ञान महाविद्यालय, उज्जैन के मॉडल को अग्रणी महाविद्यालयों में लागू करने की जानकारी दी।
फ्रेमवर्क तैयार करने के निर्देश
उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि डिजिटल माध्यम का अधिकाधिक उपयोग करते हुए स्मार्ट क्लास गुणवत्तापूर्ण एवं उपयोगी हो, इसका सतत विश्लेषण और परीक्षण किया जाये। थर्ड पार्टी निरीक्षण स्वतंत्र एजेंसी से ही कराया जाये। निष्पक्ष रूप से कमियों का आंकलन कर समीक्षा करने के निर्देश दिये। प्रदेश के विश्वविद्यालय और महाविद्यालय राष्ट्रीय स्तर पर मूल्यांकन में अग्रणी बनने के लिये विशेष प्रयास किये जायें। हर कॉलेज को अच्छी ग्रेडिंग मिले, इसके लिये पूर्व छात्रों को जोड़कर नैक रैकिंग में अच्छे ग्रेड के लिये सहयोग लें। पूर्व विद्यार्थियों को महाविद्यालयों से जोड़ने के लिये एक फ्रेमवर्क तैयार करें। हर वर्ष एल्यूमिनी मीट का आयोजन करें। महाविद्यालयों की स्मारिका में भी पूर्व छात्रों द्वारा किये गये सहयोग को सचित्र प्रदर्शित करें।