MP Election 2023 : मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तैयारियां तेज, जानिए कब तक लागू हो सकती है आचार संहिता?

MP Election 2023

MP Election 2023 : मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव की सरगर्मियां तेज है।राजनैतिक पार्टियों और राज्य निर्वाचन आयोग की तैयारियां जोरों शोरों पर चल रही है। एक तरफ बसपा ने अपने प्रत्याशियों की लिस्ट जारी कर दी है, उम्मीद है कि सितंबर में कांग्रेस बीजेपी भी अपनी अपनी लिस्ट जारी कर सकती है।वही दूसरी तरफ आचार संहिता को लेकर ताजा अपडेट सामने आया है।संभावना जताई जा रही है कि अक्टूबर के पहले दूसरे सप्ताह में कभी भी आचार संहिता लागू हो सकती है।हालांकि अभी चुनाव आयोग की तरफ से कोई अधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।

दरअसल, मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव की तैयारियां अंतिम चरण में पहुंच गई है। चुनाव आयोग ने वोटर लिस्ट के प्रकाशन की तारीख 4 अक्टूबर निर्धारित की है। सुत्रों की मानें तो वोटर लिस्ट फाइनल होने के बाद 10 दिन के अंदर कभी भी चुनाव कार्यक्रम की घोषणा हो सकती है यानि इसके बाद मध्य प्रदेश में निर्वाचन आयोग द्वारा विधानसभा चुनाव की घोषणा कर दी जाएगी और इसी के साथ आचार संहिता भी लागू हो जाएगी। संभावना है कि चुनाव की तारीखों का ऐलान 6 से 15 अक्टूबर के बीच हो सकता है और इसी के साथ आचार संहिता लागू हो जाएगी।

आचार संहिता अक्टूबर में लागू हुई तो पड़ेगा विकास कार्यों पर असर

आचार संहिता के लागू होते ही सरकारी कामों और भर्तियों पर बड़ा असर आ सकता है, क्योंकि सभी प्रकार के सरकारी कामकाज के लिए सिर्फ 2 महीने का समय बचा है। फाइव डे वीक और सरकारी छुट्टियों को इसमें से निकाल दिया जाए तो लगभग एक महीना बचा है।  आचार संहिता के लगते ही विकास कार्यों, लोकार्पण-भूमिपूजन रुक सकते है, वही MPPSC-MPPEB समेत नई भर्तियों की प्रक्रिया को भी आगे बढ़ाया जा सकता है। जिन परीक्षाओं के रिजल्ट आ चुके हैं और जिन पदों के लिए विज्ञापन जारी होना है।

सरकारी योजनाओं पर भी पड़ेगा प्रभाव?

इसके अलावा मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना के तहत प्रदेश में एक लाख 50 हजार युवाओं ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराया गया है, जिसका मुख्य कार्यक्रम 13 अगस्त से शुरू होना है। इसके तहत विभिन्न संस्थाओं और निर्माण एजेंसियों ने पोर्टल में 61000 पदों की रिक्तियां दर्ज की हैं और इंटर्नशिप के दौरान उम्मीदवार को हर महीने 8 हजार रुपए महीने मिलेंगे, यह भी प्रभावित हो सकती है।वही लाड़ली बहना योजना में राशि बढ़ाने के ऐलान पर भी असर देखने को मिल सकता है। सरकारी कर्मचारियों-अधिकारियों के तबादले होंगे या नहीं, इसके लिए क्या कुछ शर्ते लागू कर छूट दी जाएगी, ये भी एक बड़ा सवाल है।खैर अब देखना होगा कि एमपी में कब चुनावी बिगुल बजेगा और किन कार्यों पर रोक लगती है, और किन को गति मिलती है।


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Pooja Khodani

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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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