MP Election 2023 : मध्य प्रदेश में सियासी पारा लगातार चढ़ा हुआ है। विधानसभा चुनाव का काउंट डाउन शुरु हो चुका है और बीजेपी-कांग्रेस दोनों ही जनता को लुभाने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते। एक तरफ जहां वादों, घोषणाओं, योजनाओं की बरसात हो रही है वहीं दोनों पार्टियां लगातार एक दूसरे पर हमलावर है। एक तरफ कांग्रेस के 50% कमीशन के आरोप पर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने खुली चुनौती दी है, वहीं कमलनाथ ने तंज कसते हुए कहा है कि ‘भाजपाइयों के दिलो-दिमाग में कमलनाथ के अलावा कुछ नहीं आता है।’
बीजेपी पर कटाक्ष
एक दिन पहले ही नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ के महाकाल सवारी में शामिल होने की बात पर निशाना साधा था। पहले बागेश्वर धाम धीरेंद्र शास्त्री का कार्यक्रम और फिर महाकाल सवाली..इसपर नरोत्तम मिश्रा ने उन्हें ‘चुनावी हिंदू’ बताया और कहा कि चुनाव आते ही कांग्रेसी नेताओं की आस्था जाग जाती है। अब इस बात का जवाब देते हुए कमलनाथ ने कहा है कि बीजेपी को इन दिनों उनकी आस्था की बहुत चिंता है। ट्वीट करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘भाजपाई आजकल मेरी आस्था और विश्वास की ज्यादा चिंता करते है। नए नए शब्द गढ़ रहे हैं, चुनावी पूजा, चुनावी भक्ति, पॉलिटिकल पाखंड और कमलनाथ का तिलिस्म तोड़ने का दंभ भर रहे हैं। भाजपाइयों के दिलो –दिमाग में कमलनाथ के अलावा कुछ नही आता। सरकार, उसके नुमाइंदे और भाजपाई मेरा नाम जपना छोड़ के, जनता का नाम जपें, जनता की भक्ति करें। देश में जनता ही जनार्दन है। जनता के हित में भाजपाई सरकार से अनुरोध है– महंगाई का तिलिस्म तोड़ें, बेरोजगारी का तिलिस्म तोड़ें,
भ्रष्टाचार का तिलिस्म तोड़ें, भर्ती घोटालों का तिलिस्म तोड़ें, 50% कमीशन का तिलिस्म तोड़ें, महिला अपराध का तिलिस्म तोड़ें।’
भ्रष्टाचार, महंगाई सहित अनेक मुद्दों पर घेरा
कमलनाथ लगातार भ्रष्टाचार, महंगाई, आदिवासी अत्याचार, महिलाओं पर अत्याचार और रोजगार जैसे मुद्दों को लेकर बीजेपी पर हमला बोल रहे हैं। इससे पहले भी वो कई बार दोहरा चुके हैं कि शिवराज सरकार में मध्य प्रदेश चौपट प्रदेश बन चुका है और केंद्र सरकार के आंकड़े भी कह रहे हैं कि ये आदिवासियों के अत्याचार में नंबर वन है। अब एक बार फिर उन्होने घोटालों, कमीशन और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सरकार को घेरा है और कहा है कि उनकी आस्था और विश्वास पर ध्यान केंद्रित करने की बजाय भाजपा प्रदेश की स्थिति बेहतर करने की ओर रुख करे।
भाजपाई आजकल मेरी आस्था और विश्वास की ज्यादा चिंता करते है। नए नए शब्द गढ़ रहे हैं, चुनावी पूजा, चुनावी भक्ति, पॉलिटिकल पाखंड और कमलनाथ का तिलिस्म तोड़ने का दंभ भर रहे हैं।
भाजपाइयों के दिलो –दिमाग में कमलनाथ के अलावा कुछ नही आता।
सरकार, उसके नुमाइंदे और भाजपाई मेरा नाम जपना…
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) August 12, 2023