भोपाल| मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार के लिए शुरू से ही बिजली व्यवस्था चुनौती बनी हुई है| अब तक कई बैठकों और अफसरों को चेतावनी के बाद भी समस्या जस की तस बनी हुई है, जिसके चलते सरकार ने अब अपना फोकस बिजली से जुड़ी समस्याओं पर रखा है| सरकार ने पहली बार बिजली कैबिनेट लाने का तय किया है, हालाँकि इसकी तारिख अभी घोषित नहीं की गई है| लेकिन सरकार इस सम्बन्ध में तैयारी कर रही है|
सत्ता में आते ही सरकार को सबसे शिकयतें बिजली से सम्बंधित मिल रही है, इसी कारण सरकार की छवि भी ख़राब हुई और कई बैठकों में यह मुद्दा छाया रहा| कैबिनेट बैठक में भी बिजली कटौती का मुद्दा हर बार उठता है, लेकिन अन्य जरूरी प्रस्तावों पर चर्चा के कारण इस मुद्दे पर विशेष ध्यान नहीं दिया जा सकता| जिसके चलते सरकार अब पहली बार बिजली कैबिनेट बुलाने की तैयारी कर रही है| इसमें बिजली से जुड़े सभी मामलों को सूना जाएगा| समस्याओं के निराकरण के लिए सरकार नया प्रयोग करने की तैयारी में है|
बुधवार को कैबिनेट बैठक में बिजली समस्या से निपटने के लिए बि़जली कैबिनेट बुलाने के निर्देश दिए गए हैं, ऐसा पहली बार होगा जब प्रदेश में बिजली संकट से निपटने के लिए बिजली कैबिनेट बुलाई जा रही है। इससे पहले भी सीएम कमलनाथ ने बिजली की समस्या से निपटने के लिए बैठकें की है, मध्यप्रदेश में लगातार हो रही बिजली कौटती के चलते मुख्यमंत्री कमलनाथ बिजली विभाग के कर्मचारी संगठन से मंगलवार को मुलाकात की थी| इस मुलाकात में प्रदेश में हो रही बिजली कटौती को लेकर सीएम ने विभाग के अधिकारियों के साथ चर्चा की, और उचित निर्देश दिए, साथ ही यह भी चर्चा हुई कि जब प्रदेश में बिजली पर्याप्त है तो कटौती क्यों हो रही है| इस मुद्दे पर भाजपा भी लगातार हल्ला बोल रही है। विधानसभा के मानसून सत्र में भी विपक्ष इस मुद्दे को उठाने की तैयारी कर रहा है, जिसके चलते कोई चूक नहीं करना चाहती है जिससे सरकार की छवि खराब हो| इसके लिए बिजली के मुद्दे को सरकार ने प्राथमिकता में रखा है|