MP Samvidha Employees : मध्य प्रदेश सरकार द्वारा संविदा कर्मचारियों अधिकारियों के लिए जारी नई नीति विवादों में घिर गई है। कर्मचारियों ने इस नीति में लिखी गई कई शर्तों और प्रावधानों को सीएम शिवराज सिंह चौहान द्वारा की गई घोषणाओं के पूर्णतः विपरीत बताया है। संविदाकर्मियों का कहना है कि सीएम ने अनुबंध खत्म करने की बात कही थी, इसके विपरीत इस नीति के तहत वार्षिक कार्य मूल्यांकन के आधार पर स्वयं अधिकारी अनुबंध खत्म कर सकता है।अप्रेजल दोबारा मिल गया,जो अधिकारियों को पूरी मनमानी की छूट देता है ।जब अनुबंध खत्म करने की घोषणा मंच से हुई मंच है तो अनुबंध खत्म करने का अधिकार कैसे कार्यमूल्यांकन के द्वारा अधिकारी को दे दिया गया।
सीएम के वादे के विपरित नीति
संविदाकर्मियों का कहना है कि सीएम ने कहा था कि मैं तुम्हारे जीवन से अनिश्चितता समाप्त कर दूंगा, लेकिन नीति की शर्तों के अनुसार, शिकायत मात्र होने से शासकीय कार्यों से विरत रखा जाएगा, 50 प्रतिशत वेतन काटा जाएगा जब तक जांच चलेगी।मतलब आप सही हो या गलत ये बाद में तय होगा लेकिन अगर आपकी शिकायत भर हो गई तो 50 प्रतिशत वेतन कटना शुरू हो जाएगा। शासन के निगम,मंडल,निकायों सभी को स्वतंत्र कर दिया है अब को चाहे तो लागू करें या ना करें अपने स्तर पे सक्षम हैं। अधिकारी तो खुद नही चाहते की सीएम वापसी करें, इसीलिए तो नियमों में हेर फेर किए है। उच्च आधिकारी सरकार विरोधी है
बहाली का कोई प्रावधान नहीं
संविदाकर्मियों का कहना है कि इस संविदा नीति ने अधिकारियों को और ज्यादा तानाशाह बनाने का अवसर दे दिया । 100 प्रतिशत वेतन की गणना भी 2018 के कर्मचारी के मूल वेतन को आधार मान कर करेंगे, नियमित शासकीय सेवकों जैसा निलंबन, बहाली का कोई प्रावधान नहीं है। किसी तरह की कोई नीतिगत सुरक्षा नहीं दी गई। अधिकारी संवर्ग की तानाशाही अभी भी जारी रहेगी संविदा नियुक्तियां होनी ही नहीं चाहिए। जब भी नियुक्तियां हों तो रेगुलर ही हों। पहले हम वर्षों तक संविदा में काम करवायें फिर उन्हें 50% आरक्षण देकर नियमित नियुक्ति प्रदान करें यह शोषण का एक तरीका है। आईएएस और राज्य प्रशासनिक सेवा में ऐसा क्यों नहीं करते। पहले संविदा आईएएस बनें फिर वर्षों बाद नियमित आईएएस बनाया जाए।सारे प्रयोग छोटे कर्मचारियों के लिए ही क्यों हैं।
कांग्रेस नेता बोले- कर्मचारियों को दिया धोखा
एमपी के कांग्रेस नेता सैयद जाफर ने भी ट्वीट कर इस नीति को लेकर सरकार को घेरा है। उन्होंने लिखा है कि मध्य प्रदेश सरकार ने एक बार फिर संविदा कर्मचारियों को दिया धोखा। मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणा संविदा कर्मचारियों को परमानेंट करने की मांग आज भी है अधूरी, लेकिन हां संविदा कर्मचारी शिवराज सरकार में अब हमेशा संविदा पर ही परमानेंट रहेगा।संविदा कर्मचारी की नियुक्ति करता अधिकारियों को कभी भी संविदा कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त करने के अधिकार आज भी है बरकरार।कैसे होगा संविदा कर्मचारी का भविष्य सुरक्षित।
उन्होंने आगे लिखा है कि 2018 में बनाई गई संविदा नीति के तहत संविदा कर्मचारियों को नियमित पद के समकक्ष 90% मानदेय देना था लेकिन आज दिनांक तक नहीं दिया गया। संविदा नीति 2018 के अंतर्गत 20% संविदा कर्मचारियों को नियमित करना था आज तक कोई संविदा नियमित नहीं हुआ।मध्य प्रदेश शासन के समान प्रशासन विभाग के द्वारा जारी की गई संविदा नीति 2023 में नियमित पद के समकक्ष 100% मानदेय देने का उल्लेख तो है लेकिन इतने जटिल नियमों के तहत शिवराज सरकार कब दे पाएगी कोई भरोसा नहीं। 2018 संविदा नीति में 20% नियमित करने के स्थान पर 50% का उल्लेख तो है लेकिन नियम इतने जटिल कि शिवराज सरकार किसी को भी नियमित नहीं कर पाएगी।
सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी सेवा शर्ते
- मध्य प्रदेश शासन के विभागों के अंतर्गत आने वाले निगम, मंडल, सार्वजनिक उपक्रम, स्थानीय निकाय, विश्वविद्यालय, आयोग, विकास प्राधिकरण, बोर्ड, परिषद, संस्थाएं इन दिशा निर्देशों को अपने संविदा कर्मियों के लिए लागू करने के संबंध में अपने स्तर पर समुचित निर्णय लेने के लिए सक्षम होंगे।
- संविदा अधिकारियों कर्मचारियों को नियमित पदों पर नियुक्ति के अवसर, उनकी सेवा काल में मृत्यु होने पर अनुकंपा नियुक्ति, संविदा पदों की नियमित पदों से समकक्षता का निर्धारण, उनके पारिश्रमिक का पुनरनिर्धारण एवं वार्षिक वृद्धि, अवकाश स्वीकृति, उनके साथ अनुबंध निष्पादन, उनके आश्रितों को उपादान भुगतान, उन्हें राष्ट्रीय पेंशन योजना का लाभ, उनका सेवा मूल्यांकन एवं उनके विरुद्ध कार्यवाहियों से संबंधित प्रावधान, उन्हें स्वास्थ्य बीमा लाभ तथा अन्य महत्वपूर्ण निर्देशों को सम्मिलित किया गया है।
- 1अप्रैल 2018 को वेतन निर्धारण 1000 रुपए होने पर 2019-20 में 7.69 प्रतिशत वेतन वृद्धि जोड़े जाने पर 1 अप्रैल 2019 की स्थिति में वेतन 1076.90 रुपए प्रतिमाह हो जाएगा।1076.90 रुपए मिल रहे वेतन में 2020-21 में 5.16 प्रतिशत की वृद्धि की जाएगी जिसमें 55 रुपए 57 पैसे की वृद्धि होगी। इस प्रकार संविदा कर्मी का नया वेतन 1132.47 रुपए हो जाएगा।इसी तरह आगे के वर्षों में गणना की जाएगी। 1 अप्रैल 2023 में इसे 100 के गुणांक में बराबर कर दिया जाएगा।
- नियमित पदों पर भर्ती की प्रक्रिया में पारदर्शिता रखी जाएगी, इसमें नियुक्ति करने वाले विभाग द्वारा न्यूनतम कट ऑफ अंक निर्धारण एवं अन्य अर्हताओं के संबंध में नियम बनाकर चयन प्रक्रिया निर्धारित की जाएगी।संविदा कर्मचारी जिस नियमित समकक्ष पद के लिए आवेदन करेगा, उसके बराबर या उच्चतर संविदा पद पर वह जितने वर्ष कार्यरत रहा, उतने वर्ष की छूट उसे निर्धारित अधिकतम आयु में मिलेगी। आयु संबंधी समस्त छूट 55 वर्ष से ज्यादा नहीं होना चाहिए।
- विभाग स्वीकृत संविदा पदों के नियमित वेतनमान में वर्गीकरण कर जीएडी को 30 अगस्त के पूर्व भेजेंगे।ऐसे संविदा कर्मचारी, जिनकी संविदा नियुक्ति 1 अप्रैल 2018 के पूर्व हुई हो एवं जो नियुक्ति दिनांक से निरंतर संविदा पर कार्यरत होंगे उनके वेतन का निर्धारण इस तरह होगा।कर्मचारी का 1 अप्रैल 2018 की स्थिति में नियमित पद के शासकीय सेवकों के लिए 7वें वेतनमान के अंतर्गत संबंधित पे-मेट्रिक्स लेवल के न्यूनतम वेतन के 100% के बराबर काल्पनिक आधार पर तय किया जाएगा।
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने की थी ये घोषणाएं
- संविदा कर्मचारियों की सेवाओं के लिए प्रतिवर्ष अनुबंध की प्रक्रिया समाप्त होगी।
- संविदा कर्मचारियों को समय-सीमा में नेशनल पेंशन स्कीम का लाभ दिया जाएगा।
- संविदा कर्मचारियों को वेतन/मानदेय में पूर्व में निर्धारित 90 प्रतिशत के स्थान पर शत-प्रतिशत राशि प्रदान की जाएगी।
- संविदा कर्मचारियों को स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ दिया जाएगा। इसके लिए आवश्यक गणना संबंधी कार्यवाही शीघ्र की जाएगी।
- संविदा कर्मचारियों को अनुकंपा नियुक्ति का लाभ भी मिलेगा ।
- संविदा कर्मचारियों को रिटायरमेंट पर ग्रेच्युटी की व्यवस्था की जाएगी।
- विभागों में नियमित पदों पर भर्ती में 50% पदों पर संविदा कर्मचारियों को आरक्षण रहेगा।
- संविदा कर्मचारियों को नियमित कर्मचारियों की तरह अवकाश के साथ मातृत्व अवकाश भी प्रदान किया जाएगा।
- संविदा कर्मचारियों को नियमित कर्मचारियों की तरह आकस्मिक, अर्जित और ऐच्छिक अवकाश मिलेंगे।
- कुछ कारणों से संविदा कर्मचारियों के काटे गए वेतन की राशि वापस की जाएगी। कोई केस नहीं चलेगा।
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— MP Breaking News (@mpbreakingnews) July 23, 2023
मध्य प्रदेश सरकार ने एक बार फिर संविदा कर्मचारियों को दिया धोखा
मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणा संविदा कर्मचारियों को परमानेंट करने की मांग आज भी है अधूरी
लेकिन हां संविदा कर्मचारी शिवराज सरकार में अब हमेशा संविदा पर ही परमानेंट रहेगा.
संविदा कर्मचारी की नियुक्ति करता… pic.twitter.com/Ub0nORrl1I
— SYED JAFAR (@SyedZps) July 23, 2023