भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (MP) में 2020 में बच्चों के साथ यौन उत्पीड़न के मामले सबसे ज्यादा दर्ज किए गए हैं। हाल ही में मिनिस्ट्री ऑफ होम डिपार्टमेंट के मेंबर अजय कुमार मिश्रा ने लोकसभा में एक लिखित आंकड़ा पेश किया है। यह आंकड़ा बताता है कि राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में प्रोटक्शन आफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल एक्ट के तहत कितने मामले 2018-20 के बीच दर्ज किए गए हैं। आंकड़ों में धारा 4 और 6 आरडब्ल्यू सेक्शन 376 आईपीसी, और 354 आईपीसी के तहत मामले दर्ज किए गए मामलों का जिक्र है। बता दें कि प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंसेस एक्ट (POCSO Act ) 2012 में बनाया गया था, जिसका मकसद बच्चों को यौन उत्पीड़न और पोर्नोग्राफी जैसे मामलों से बचाना था।
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2018 -2020 तक इतने मामले हुए दर्ज
जिसमें पूरे भारत में 2018 में बच्चों के साथ सेक्शन 376 आईपीसी के तहत 26605 मामले और सेक्शन 354 आईपीसी के तहत 14320 मामले दर्ज किए गए हैं। साल 2019 में 26283 मामले आईपीसी 376 सेक्शन के अंदर और 16350 मामले सेक्शन 354 आईपीसी के तहत दर्ज किए गए। बात 2020 की करें तो 28065 मामले सेक्शन 376 आईपीसी के तहत और 15693 मामले आईपीसी सेक्शन 354 आईपीसी के तहत पूरे भारत में दर्ज किए गए।
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मध्यप्रदेश 2020 में रहा सबसे आगे
मध्य प्रदेश की बात करें तो 2018 में सेक्शन 376 आईपीसी के तहत 1047 मामले और सेक्शन 354 आईपीसी के तहत 1307 मामले दर्ज किए गए हैं। 2019 में मध्य प्रदेश में सेक्शन 370 आईपीसी के अंदर 3307 और सेक्शन 354 के अंदर 2669 मामले दर्ज किए गए हैं। साल 2020 में मध्यप्रदेश में सेक्शन 370 आईपीसी के तहत 3259 मामले और सेक्शन 354 के तहत 2260 मामले दर्ज किए गए हैं। इसी के साथ मध्य प्रदेश 2020 में सबसे ज्यादा बच्चों के साथ हुए यौन उत्पीड़न के मामले दर्ज करने वाला राज्य बन चुका है। मध्य प्रदेश के बाद उत्तर प्रदेश में भी अपराध के मामले आगे रहे। उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्,र मध्य प्रदेश, कर्नाटका, केरल, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल में बच्चों के साथ यौन उनके मामले काफी ज्यादा दर्ज किए गए हैं।