Jitu Patwari’s mobile phone hacked : कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी का मोबाइल फोन हैक किया गया है और इसके लिए पेगासस सॉफ़्टवेयर का इस्तेमाल किया गया है। उन्होंने कहा कि इसके पीछे बीजेपी का हाथ हो सकता है। इसे लेकर मुकेश नायक के नेतृत्व में कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने आज साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराई है।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष का फ़ोन हैक, साइबर सेल में शिकायत
अब मध्यप्रदेश में भी पेगासस की एंट्री हो गई है और मध्यप्रदेश कांग्रेस नेताओं की जासूसी की जा रही है। ये कहना है कांग्रेस नेताओं का। कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने आरोप लगाया है कि बीजेपी सरकार प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी का फोन टैप कर रही है। इसे लेकर उन्होने साइबर सेल में शिकायत की है। मुकेश नायक ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि ‘जीतू पटवारी जी के मोबाइल को हैक हो गया गया है। पेगासस नाम की कंपनी इस तरह अकाउंट्स को हैक करने का काम करती है। ये बहुत महँगी कंपनी है, कोई साधारण व्यक्ति इसे हायर नहीं कर सकता। जीतू पटवारी जी के अकाउंट को हैक करने के लिए पेगासस ने उनके फोन में स्पाई छोड़ा। उनके सारे फ़ोटो, फाइल, कांग्रेस कमेटी के परिपत्र और उनके आर्थिक एकाउंट्स भी जाने की संभावना होती है। फोन कंपनी ने उन्हें एक मेल के ज़रिए नोटिस जारी किया जिसमें कहा कि आपका फोन हैंग हो रहा है, ये गंभीर मामला है। सुरक्षा की दृष्टि से, गोपनीय दस्तावेज की दृष्टि से ये मामला अत्यंत गंभीर है। हम एडीशनल डीजी साइबर क्राइम के पास ज्ञापन देने आए हैं। उन्होंने हमें जाँच का आश्वासन दिया है।’
कांग्रेस ने बीजेपी पर लगाया पेगासस से जासूसी करने का आरोप
इसके पीछे किसका हाथ हो सकता है..इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि ‘प्रथम दृष्टि से ऐसा लगता है कि ये पॉलिटिकल एप्रोच है उनके अकाउंट को हैक करने की। और किसी को क्या फ़ायदा होगा। मुझे लगता है कि बीजेपी के किसी कोने से ये कोशिश हुई है। हमें लगता है कि राजनीतिक दृष्टि से इनके अकाउंट को हैक करने की कोशिश की है ताकि हमारे विपक्षी ये जान सकें कि हम किस तरह की रूपरेखा और भविष्य की संभावनाओं को लेकर चल रहे हैं।’ उन्होंने आशंका जताई कि इसी तरह और भी कई कांग्रेसी नेताओं के फोन हैक किए जा सकते हैं। बता दें कि पेगासस (Pegasus) एक शक्तिशाली स्पाइवेयर सॉफ़्टवेयर है, जिसे इजरायली साइबर सुरक्षा कंपनी एनएसओ ग्रुप (NSO Group) द्वारा विकसित किया गया है। अक्सर इसका उपयोग सरकारों द्वारा आतंकवाद और संगठित अपराध से निपटने के लिए किया जाता है, लेकिन इसे व्यक्तिगत फोन पर भी बिना मालिक की जानकारी के स्थापित किया जा सकता है, जिससे संवेदनशील जानकारी, संदेश, कॉल और अन्य डेटा तक पहुंचा जा सकता है।