MP News : त्रिलोक महाराजाधिराज से राजा-महाराजा की गुजारिश, दिग्विजय-सिंधिया ने महाकाल से की ये मांग

“इक सफ़र में कोई दो बार नहीं लुट सकता,

अब दुबारा तेरी चाहत नहीं की जा सकती”

कहते हैं कि इश्क़ और जंग में सब जायज़ है। लेकिन सियासत में तो जायज़-नाजायज़ के फासले भी मिट जाते हैं बादफ़ा। वो जो कभी आंखों का करार हुआ करते थे, अब दुश्मन खेमे के पहरेदार हैं। तो सियासत में इश्क़ और जंग दोनों का ही लुत्फ़ है। लेकिन एक सफ़र में दो बार लुटना किसी को मंज़ूर नहीं। ये समझदारी भी कतई नहीं है। फिर लूटा किसने और लुटा कौन..ये सवाल नहीं, आरोप-प्रत्यारोप है।

एक बार फिर राजा और महाराज आमने-सामने हैं। दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया एक दूसरे पर हमलावर हैं। हुआ यूं कि पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह उज्जैन पहुंचे और यहां उन्होने सिंधिया पर निशाना साधते हुए कहा कि मध्य प्रदेश में बीजेपी ने कांग्रेस की सरकार गिराने के लिए राजा महाराजाओं को खरीद लिया। वहीं अनुसूचित जाति जनजाति के गरीब विधायकों को नहीं खरीद नहीं पाई। पत्रकारों ने जब उनसे पूछा कि यदि इस बार भी कांग्रेस की सरकार बनी और कोई बगावत कर बीजेपी में शामिल हो जाएं तो पार्टी क्या करेगी। इसपर दिग्गी राजा ने कहा ‘हे महाकाल, कांग्रेस में अब कोई दूसरा ज्योतिरादित्य पैदा न हो।’

बात निकलेगी तो फिर दूर तलक जाएगी…और यहां तो हमला सीधा था। भला ज्योतिरादित्य कैसे जवाब नहीं देते। सो उन्होने ट्वीट किया ‘हे प्रभु महाकाल, कृपया दिग्विजय सिंह जी जैसे देश-विरोधी और मध्य प्रदेश के बँटाधार, भारत में पैदा ना हों।’ इस तरह उन्होने ठेठ भाजपाई लहज़े में दिग्विजय सिंह को जवाब दिया। बीजेपी पहले से ही उनपर ‘मिस्टर बंटाधार’ ‘देश विरोधी’ और ‘पाकिस्तान परस्त’ जैसे जुमले कसती आई है। सिंधिया ने भी वही दोहराकर उन्हें तीर का जवाब तलवार से दिया है।

चूंकि चुनावी साल है तो सारे हथियार निकाल लिए गए हैं। हमले  जारी हैं। बीजेपी और कांग्रेस में जुबानी जंग तो लगातार चल ही रही है, लेकिन दिग्विजय-सिंधिया में तो बड़ा पुराना रिश्ता भी रहा है। पुराने रिश्ते जब बदल जाते हैं या कहें बिखर जाते हैं तो उसका नतीजा बड़ा खलिश भरा होता है। इसलिए दिग्विजय ने कह दिया है कि ‘इक सफर में कोई दो बार नहीं लुट सकता..अब कोई दूसरा ज्योतिरादित्य न हो’ वहीं सिंधिया ने भी उन्हें ‘देश विरोधी बताकर अब दुबारा तेरी चाहत नहीं की जा सकती’ बोल दिया है और इस तरह बीजेपी कांग्रेस ने एक एक मिसरा कह शेर मुकम्मल कर  दिया है। देखना वाली बात तो ये होगी कि चुनावी नतीजों में जनता किसे ‘मुकर्रर’ कहती है।


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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